उत्तर प्रदेश के भीम नगर जिले में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नेता इकबाल मसूद की जीत की ख़ुशी में चलायी जा रहीं गोलियों से एक मासूम नाबालिग बच्चे कि दुखद मौत हो गयी |
आज अब इस बारे में आप किसी से भी पूछें तो वो वही पुराना राग गाने लगेंगे कि नेता ऐसे ही होते हैं | क्या इस मौत के लिए सिर्फ नेता जिम्मेदार हैं ? इस मासूम बच्चे कि मौत के लिए सिर्फ नेता ही नहीं वो सभी लोग भी बराबरी से जिम्मेदार हैं जो कि अपराधिक और भ्रष्ट प्रवत्ति के लोगो को वोट देकर नेता बनाते हैं |
जो लोग वोट ही नहीं देते या फिर वोट देते समय सिर्फ अपनी जाति या धर्म के लोगो को ही वोट करते हैं, फिर चाहे वो व्यक्ति कितना ही बड़ा अपराधी या भ्रष्टाचारी क्यों न हो | ऐसे लोगो की वजह से उन लोगों का वोट भी ख़राब हो जाता है जो कि उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर वोट देना चाहते हैं |
आज कोई भी न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर देख लें, चुनाव के पहले बहस इस बात पर होती है कि इस सीट पर इस जाति/धर्म के इतने लोग हैं, उस सीट पर उतने लोग हैं | इस जाति/धर्म के लोग इस के साथ हैं, उस जाति/धर्म के लोग उस के साथ हैं | इस पार्टी को इस जाति/धर्म के लोगो को मानाने के लिए इस जाति/धर्म का उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए, उस पार्टी को उस जाति/धर्म के लोगो को मानाने के लिए, इस जाति/धर्म का उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए | उम्मीदवार कि योग्यता पर चर्चा अब होती कहा हैं ?
इस के लिए जितने जिम्मेदार नेता हैं, उस से कहीं ज्यादा आम जनता है | जनता ने आँखों पर जाति/धर्म की पट्टी बाँध राखी है और इनको देश से बड़ी अपनी जाति/धर्म लगते हैं | जब तक ऐसे लोग इस सोच के साथ वोट करते रहेंगे तब तक न तो इस देश में इस मासूम बच्चे को न्याय मिलेगा, न ही किसी निर्भया को उस का न्याय मिलेगा और न ही भ्रष्टाचार बंद होगा | सभी राजनैतिक दलों को पता है कि ५ साल आप क्या काम करते हैं उस से अगले चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बस चुनाव के समय जाति/धर्म के सही समीकरण बना दो और फिर सत्ता में आ जाओ |
जागो जनता जागो | कहीं ऐसा न हो कि आप की आने वालीं पीढियां आप को इस देश के ख़राब हालात का जिम्मेदार मानें और आप को सम्मान की नहीं बल्कि नफरत की नज़रों से देखें | कुछ शर्म करिये और अपने देश और अपने बच्चों के भविष्य के बारे में भी सोचिये, सिर्फ जाति/धर्म के आधार पर वोट डाल कर आप इस देश का भविष्य ख़राब कर रहे हैं |