न तो कुत्ते की पूछ कभी सीधी हो सकती है और न ही लातों के भूत कभी बातों से मान सकते हैं | यही हाल पाकिस्तान का है | पाकिस्तान कुत्ते की टेड़ी पूँछ और लातों का भूत है जो न तो कभी सीधा होगा यानि कि सुधरेगा और न ही बातों से मानेगा | हालाँकि उरी हमले का उद्देश्य सैनिकों की जान लेने से कहीं ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी जी, उनकी विदेश नीति, उनकी सख्त छवि एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की लगातार बन रही एक मजबूत देश वाली खराब करना था | लेकिन उद्देश्य कुछ भी हो, इस में हमारे कई जवानों की शहादत हुई और इस शहादत का बदला लेना अत्यन्त आवश्यक है | भले ही तुरंत कार्रवाही करने की जगह थोड़ा समय लेकर कार्रवाही की जाए लेकिन इस हमले के जवाब में अब हमें बलूचिस्तान, पी. ओ. के. और सिंध की पाकिस्तान से आजादी चाहिए | इस हमले के जवाब में अब पाकिस्तान के चार टुकड़े होने ही चाहिए | इस से कम में न तो शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी और न ही भारत की ओर से भारत विरोधी देशों को एक कड़ा सन्देश जायेगा |
पाकिस्तान के चार टुकड़े करने के मिशन पर ठोस काम शुरू करने के साथ ही एक और काम है जो अब हमें पाकिस्तान से ही सीखकर तुरंत शुरू करना चाहिए | पाकिस्तान कई सालों से भारत पर सीमा पार से खुद फायरिंग शुरू करता है और विश्व में यह ढिंढोरा पीटता है कि इस गोलाबारी की शुरुआत भारत की ओर से हुई थी और पकिस्तान ने बस इस का जवाब दिया | अब यही काम भारत को शुरू करना चाहिए | इस समय पूरे विश्व में पाकिस्तान की यह छवि बन चुकी है कि यह खुद ही आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है एवं भारत पर सीमा पर से गोलाबारी करता है और भारत की छवि एक ऐसे देश की है जो कि खुद किसी तरह की हिंसा की शुरुआत नहीं करता है | अब यही समय है कि हम इस छवि का फायदा उठाएं | अब भारत को भी आये दिन उचित समय देखकर पाकिस्तान पर गोलाबारी करनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दिखाना चाहिए कि इस गोलाबारी की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी और भारत ने तो बस जवाब दिया था | हमारे आज शहीद हुए हर एक जवान के बदले पाकिस्तान के कम से कम १०० सैनिक तो मारने ही चाहिए | जब तक पाकिस्तान के साथ आर पर का युद्ध शुरू नहीं किया जा रहा तब तक इस तरह पाकिस्तान पर सीमा पर से आये दिन उचित समय देखकर गोलाबारी करके हम अपने इन जवानों की शहादत का बदला लेने की शुरुआत तो कर ही सकते हैं |
उरी हमले के बाद से ही लोगों की सोशल साइट्स पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं | जनता एक मत से इस समय पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाही का समर्थन कर रही है और यह अच्छी बात है | लेकिन यहाँ उन विपक्षी पार्टियों एवं पत्रकारों के आंसू घड़ियाली ही हैं जो कि अभी कुछ दिन पहले ही कश्मीर में पैलेट गन से इस्तेमाल एवं केंद्र सरकार द्वारा कश्मीर में सेना को खुली छूट दिए जाने का विरोध कर रहे थे | केंद्र सरकार ने सेना को कश्मीर में खुली छूट क्या दी इन विपक्षी पार्टियां एवं पत्रकारों ने छाती पीटना शुरू कर दिया, बुरहान बानी को शहीद साबित करने की कोशिश की एवं सेना द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल को मानवाधिकार विरोधी साबित करने की कोशिश की | आये दिन नए नए बयानों, कार्यक्रमों एवं न्यूज़ रिपोर्ट के जरिये इन लोगों द्वारा यह दिखाया जा रहा था कि केंद्र सरकार एवं सेना मिलकर कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं | अब ऐसे लोगों को उरी हमले में जैसे जी मोदी जी को घेरने का मौका मिला ये सब लोग इकट्ठे होकर सेना को खुली छूट देने की बात कर रहे हैं | हालाँकि यदि मोदी सरकार ने इस समय सेना को जवाब देने के लिए खुली छूट दे दी यो यही लोग फिर से अपने पुराने घिसे पिटे मानवाधिकार वाले बयानों पर वापस लौट जाएंगे |
ये पाकिस्तान परस्त नेता, पत्रकार एवं अलगाववादी तो भारत विरोधी गतिविधियों की समर्थन करते ही रहेंगे | अब मोदी सरकार को पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने के साथ ही ऐसे सभी पाकिस्तान परस्त लोगों पर भी कड़ी कार्रवाही करना चाहिए | कुछ दिन पहले समाचार आये थे कि मोदी सरकार ने अलगाववादियों को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं बंद करने का फैसला लिया है, यह मौजूदा केंद्र सरकार का बहुत ही सराहनीय कदम है | अब सरकार को इन अलगाववादियों, पाकिस्तान परस्त नेताओं एवं पत्रकारों पर कड़ी कानूनी कार्रवाही भी शुरू करनी चाहिए | अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारत विरोधी बयानबाजी करने वालों पर देशद्रोह के मुकद्दमे चलने चाहिए एवं उनको सजा होनी चाहिए |
मोदी जी, राजनाथ सिंह जी, मनोहर पर्रिकर जी एवं अजीत डोवाल जी की टीम एक बहुत ही गहरी सोच के साथ विदेश नीति पर काम करती है तथा देश की सुरक्षा संबंधी मामलों पर उचित योजना बनाती है | इस टीम से देश इस समय पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाही की उम्मीद कर रहा है | जिस दिशा में यह टीम बढ़ रही है उसको देखकर यह लगता भी है कि अगले १-२ साल में पाकिस्तान के चार टुकड़े कर भी दिए जायेंगे | यहाँ में हड़बड़ी में जवाबी कार्रवाही करने के चक्कर में केंद्र सरकार से ऐसे भी किसी भी कदम की चाहत नहीं रखता हूँ जो कि पाकिस्तान के चार टुकड़े किये जाने की योजना में आगे चलकर बाधक बनें | हाँ, लेकिन अब पाकिस्तान की ही तरह भारत को भी सीमा पर से गोलाबारी तो तुरंत शुरू कर देनी चाहिए और कम से कम तब तक यह कार्रवाही जारी रखनी चाहिए जब तक कि हम आज शहीद हुए अपने हर एक जवान के बदले पाकिस्तान के १०० सैनिक ना मार दें |