हिन्दू धर्म के बाद अब जैन धर्म भी तथाकथित सेक्युलर नेताओं के निशाने पर आ गया है | पहले आम आदमी पार्टी के नेता विशाल ददलानी ने जैन धर्म के आदरणीय मुनि श्री तरुण सागर जी का अपमान किया और फिर कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने भी उनका अपमान किया | बौद्ध धर्म पर बसपा तथा अन्य तथाकथित दलित पार्टियों वाले लोग अपना पेटेंट मानते हैं और आयेदिन बिना मतलब की हिंदुत्व विरोधी झूठी बातें यह कहकर शेयर करते हैं कि ये सब महात्मा गौतम बुद्ध जी ने कहा था जबकि इतिहास में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह बात साबित करे कि महात्मा बुद्ध जी ने ऐसा कुछ भी कहा हो | किसी महात्मा के नाम पर इस तरह झूठ फैलाना भी उस महात्मा की बेइज़्ज़ती करना ही होता है | लेकिन यही लोग तब चुप हो जाते हैं जब बात इस्लाम एवं ईसाई धर्म की किसी गलत परंपरा के खिलाफ हो |
आखिर ऐसा क्या है जो कि इन लोगों की नजर में सिर्फ इस्लाम और ईसाई धर्म ही सही है ? आये दिन कई नेताओं, पार्टियों एवं पत्रकारों पर विदेशी फंडिंग के आरोप लगते रहते हैं | इनमें मुख्य इस्लामिक एवं ईसाई देशों से होने वाली भारत विरोधी फंडिंग है | उसी का असर है कि इस देश के कई जाने माने नेताओं एवं पार्टियों ने जे एन यू में हुई देशद्रोही नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन किया, आतंकियों के एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया तथा उन आतंकवादियों को मासूम / निर्दोष बताया, आतंकियों का नाम जी साहब आदि संबोधनों के साथ इज़्ज़त से लिया, आतंकियों को शहीद साबित किया, कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल का विरोध किया, ७०-८०% हिन्दू आबादी वाले देश में गौ हत्या पर बेन लागाने का विरोध किया तथा आये दिन हिन्दू धर्म का अपमान भी किया, हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने का प्रयास किया, चीन द्वारा भारत को एन एस जी की सदस्यता में समर्थन ना देने पर चीन की जगह प्रधानमंत्री मोदी जी का विरोध किया, बलूचिस्तान मुद्दे पर पाकिस्तान का विरोध करने की जगह उस मुद्दे पर बोलने पर प्रधानमंती मोदी जी का ही विरोध किया | ऐसे और भी कई देशद्रोह के उदाहरण हैं |
कारण सिर्फ एक है और वो है इन का देशद्रोह एवं विदेशी फंडिंग | यहाँ जनता को भी समझना चाहिए | जो भी लोग देशभक्त हैं और सांप्रदायिक एकता चाहते हैं उनको संगठित होकर ऐसे देशद्रोहियों का विरोध करना चाहिए एवं इनकी राजनीति बंद करनी चाहिए | ऐसे नेताओं एवं पार्टियों को वोट न दें, ऐसे पत्रकारों के न्यूज़ चैनल देखना बंद कर दें, उनके न्यूज़ पेपर पढ़ना बंद कर दें, वेबसाइट पर आर्टिकल पढ़ना बंद कर दें | मतलब कि पूर्ण बहिस्कार करें | यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो फिर ये लोग इसी तरह आपके धर्म एवं आपको गालियाँ देते रहेंगे और आपको बदनाम करते रहेंगे | याद रखिये जब भी कोई नामी नेता या पत्रकार कोई बात बोलता है तो वह देश के बाहर भी सुनी जाती है और यदि ये आपके धर्म के बारे में कोई गलत टिप्पणी करें और आप उसका विरोध न करें तो सारी दुनिया में यही छवि बनेगी कि इनकी बात सच ही होगी तभी तो जनता ने उसका विरोध नहीं किया |