सत्य ही है कि राम से बड़ा राम का नाम | प्रधानमंत्री मोदी जी एक कुशल नेता होने के साथ साथ एक बहुत ही धार्मिक व्यक्ति भी हैं | जब भी उनको मौका मिलता है वो किसी न किसी मंदिर या अन्य धर्मस्थल पर जाकर पूजा अर्चना करते हैं | इस उम्र में भी वो जिस तरह हर साल नवरात्र के व्रत रखते हैं उस बारे में भी सभी को पता ही है | ऐसे धार्मिक व्यक्ति ने जब दशहरा के मौके पर प्रभु राम का नाम लिया तो मुझे उस में कोई राजनीति नहीं नजर आयी | दशहरा का आयोजन बिना प्रभु राम को याद किये कैसे हो सकता है ? परंतु मोदी जी द्वारा जय श्री राम कहते ही इस देश की सारी विपक्षी पार्टियों को आग लग गयी | इस तथाकथित सेक्युलर विपक्षी पार्टियों को भारतीय राजनीति के पुराने इतिहास की यह बात अच्छे से याद है कि जितना भाजपा प्रभु राम के निकट जाएगी उतना ही ज्यादा उसे जन समर्थन मिलेगा | इसीलिए उत्तर प्रदेश चुनावों के पहले ये सभी पहले तो भाजपा पर राम नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाने लगे और बोले कि भाजपा साम्प्रदायिकता फैला रही है | परंतु जब इस विरोध से कोई ख़ास चुनावी फायदा होते नहीं दिखा तो खुद भी राम राम जपने लगे |
दशहरा के इस आयोजन के कुछ सप्ताह पहले राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाते हुए अयोध्या पहुँच गए और वहां हनुमान जी के मंदिर में भी गए | हालाँकि उनकी तथाकथित धर्मनिरपेक्षता ने उनको इतनी ही इज़ाज़त दी और वो श्री राम जन्मभूमि में बने भगवान श्री राम के मंदिर नहीं गए | पहले तो आपको याद दिला दूं कि ये वही कांग्रेस है जिस ने सत्ता में रहते हुए भगवान श्री राम को काल्पनिक पात्र बताया था और राम सेतु को मिथक, ये लोग शुरू से ही अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर बनाये जाने का विरोध करते हैं, हिंदुओं को आतंकवादी बताते हैं और असली आतंकवादियों और देशद्रोहियों को मासूम एवं निरपराध बताकर उनको मिलने वाली सजा का विरोध करते हैं तथा उनका नाम जी साहब आदि संबोधनों के साथ पूरी इज़्ज़त से लेते हैं | ये बात अब किसी से छुपी नहीं है कि कांग्रेस आये दिन वोट बैंक की राजनीति के लिए हिन्दू धर्म का अपमान करती है तथा वर्तमान समय में इसकी छवि एक घोर हिन्दू विरोधी पार्टी की है |
मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने राम जन्म भूमि आंदोलन के समय कार सेवकों पर गोलियां चलवायीं, कांग्रेस की तत्कालीन केंद्र सरकार ने भी इस मामले में मुलायम सिंह का विरोध करने की जगह उसका समर्थन की किया | भाजपा एवं संघ ने राम जन्म भूमि आंदोलन का खुला समर्थन किया था और आज भी कानूनी लड़ाई के माध्यम से राम मंदिर का समर्थन करती है | सपा की मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार को अचानक से अयोध्या में भगवान राम के प्रतीक चिन्ह बनाने की याद आ गयी | ज़ी न्यूज़ पर चल रही एक बहस में सपा और कांग्रेस के नेता बढ़चढ़कर बोल रहे थे कि वो भी प्रभु राम को मानते हैं और उनके भक्त हैं |
लगातार हिन्दू धर्म का अपमान करने वाली पार्टियों के इन झूठे हथकंडों से यदि कोई हिन्दू प्रभावित होता है तो मैं उसे मूर्ख ही कहूंगा | जो लोग भगवान श्री राम के अस्तित्व को ही नकार चुके हैं और उनको काल्पनिक पात्र बताते हैं उनसे हिन्दू धर्म के सम्मान की उम्मीद कोई मूर्ख ही कर सकता है | जनता से मैं यही कहूंगा कि आप अपनी आँखें खुली रखो और इनके इन झूठे हथकंडों से प्रभावित मत हो |