Thursday, November 21, 2024
HomePoliticsकांग्रेस की लुटी खाट और कटी नाक को कांग्रेस के युवराज राहुल...

कांग्रेस की लुटी खाट और कटी नाक को कांग्रेस के युवराज राहुल गाँधी ठीक कर पाएंगे ?

- Advertisement -

लोकसभा चुनाव के पहले एक बार खबर आयी थी कि कांग्रेस ने राहुल गाँधी और पार्टी की इमेज सुधारने के लिए एक पी. आर. एजेंसी को ५०० करोड़ रुपये दिए थे | अब इस खबर में जो ५०० करोड़ रुपये के खर्चे की बात थी वो किस हद तक ठीक थी यह तो मुझे नहीं पता | खैर जितना भी खर्च किया हो उस का परिणाम शून्य बटा सन्नाटा ही था | लगातार मिल रही करारी हारों एवं राहुल गाँधी की जनता के बीच एक अपरिपक्व नेता की बनी इमेज से चिंतित कांग्रेस पार्टी ने अब जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को दी है | प्रशांत किशोर का राजनैतिक मैनेजमेंट का अब तक का सफर सफल ही रहा, पहले लोकसभा चुनाव में मोदी जी के साथ थे और फिर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ बने महागठबंधन के साथ | लेकिन अब इन्होंने कांग्रेस की डूबती नाव को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में किनारे लगाने की जिम्मेदारी लेकर अपने असफलता के दौर की शुरुआत कर ली है |

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लगभग अपना जनाधार खो चुकी है और चौथे स्थान पर भी ठीक से नजर नहीं आ रही | वहां भी लगता है कि कहीं कोई और छोटा दल कांग्रेस को मात देकर चौथा स्थान न प्राप्त कर ले | पहले तीन स्थान भाजपा, सपा और बसपा के पक्के हैं, क्रम चाहे कुछ भी हो | राहुल गाँधी के साथ जुड़े हुए गाँधी सरनेम में भी अब वो जादू नहीं रहा कि उसी नाम पर लोग उनकी तरफ खिंच जाएं | लगातार अपनी बचकानी हरकतों एवं बयानों से राहुल गाँधी ने अपनी इमेज ऐसे राजनैतिक बच्चे की बना ली है कि उनको अब तो उन्ही की पार्टी के कई नेता गंभीरता से नहीं लेते हैं | कई मौकों पर कांग्रेस के पुराने एवं वरिष्ठ नेताओं ने कमान राहुल की जगह प्रियंका को देने की मांग की है | इस मांग का कारण यह नहीं है कि उनकी नज़र में प्रियंका इमेज के मामले में राहुल से बेहतर हैं, बस बात यही है कि इन लोगों को विश्वाश हो चुका है कि राहुल गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस का बेड़ा पार नहीं हो सकता और फिलहाल गाँधी परिवार के अलावा किसी और को नेतृत्व देने की मांग करने की कांग्रेस पार्टी में किसी में भी हिम्मत नहीं है | इसीलिए राहुल नहीं तो प्रियंका सही, शायद कुछ चमत्कार हो जाए | लेकिन सच्चाई यही है कि फ़िलहाल न तो राहुल और न ही प्रियंका कांग्रेस को जिताने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं | अभी जनता कांग्रेस को उसके पुराने कर्मों की सजा देने के मूड में है और ऐसे में न तो राहुल का कोई जादू काम आएगा न प्रियंका और न ही प्रशांत किशोर या अन्य किसी पी. आर. एजेंसी का |

पी. आर. एजेंसियां राहुल गाँधी एवं कांग्रेस की इमेज कितनी भी चमकाने की कोशिश करें लेकिन कांग्रेस के पुराने कर्म एवं राहुल गाँधी की आयेदिन की बचकानी हरकतें और बयानबाजी इस पूरी मेहनत पर पानी फेर देंगे | सिर्फ पी. आर. एजेंसियों के भरोसे चुनाव नहीं जीते जा सकते | उस पर कांग्रेस ने दिल्ली में बुरी तरह से हारी शीला दीक्षित को ब्राह्मण वोट आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना कर खुद ही यह सिद्ध कर दिया कि न तो इनके पास प्रदेश में कोई ऐसा बड़ा नेता है जो कि वोट खींच सके और न ही कोई जनाधार इसीलिए दूसरे प्रदेश से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार आयात करना पड़ा और ब्राह्मण कार्ड खेलना पड़ा |

फिलहाल कांग्रेस जिस स्थिति में है उसको देखकर तो यही कहूंगा कि उत्तर प्रदेश में इमेज चमकाने की कोशिशों पर करोड़ों खर्च करने से अच्छा है कि कांग्रेस यह पैसा उन प्रदेशों में लगाए जहाँ कि उसके कुछ अच्छा करने की कोई उम्मीद बची हो | उत्तर प्रदेश में तो यह पैसा डूबने वाला ही है |

- Advertisement -
Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular