Thursday, November 14, 2024
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पूर्व सैनिक की लाश पर हो रहा राजनैतिक गिद्ध भोज क्षमायोग्य नहीं है

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मैं यह बात मानने को तैयार नहीं कि मेरे देश का फौजी चंद पैसे कम मिलने की वजह से अपने प्राण त्याग दे | सीमा पर कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वह कभी आत्महत्या नहीं करता, वह जीवन में हमेशा लड़ता रहता है और ऐसे में जब एक सैनिक आत्महत्या करता है तब बहुत से सवाल दिमाग में उठते हैं | कहीं ऐसा तो नहीं कि हमारे देश की कुछ राजनीतिक पार्टियां और नेता ऐसे लोगों को मोहरा बना रहे हैं , ऐसा पिछले वर्ष भी देखा गया था जब एक किसान ने दिल्ली के मैदान में फांसी लगा ली थी और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता यहां तक की अरविंद केजरीवाल भी वहां मौजूद थे!
बजाय इसके की किसान को आत्महत्या करने से रोका जाता, उसको उकसाया गया और हमारे देश का एक किसान अपने प्राण गवां बैठा |

पूरे देश का खून खौल उठता है जब कोई किसान या जवान आत्महत्या करता है, यह वही देश है जहां पर लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था | वर्तमान सरकार और मोदी जी ने पिछले 2 वर्षों में बहुत ही निर्णायक फैसले लिए हैं जिसमें सेना के जवानों के लिए वन रैंक वन पेंशन भी बेहद महत्वपूर्ण है,अगर कोई कमी रह गई है तो सरकार के साथ बातचीत करके इसको सुलझाया जा सकता है | मेरा विनम्र निवेदन है अपने देश के फौजियों और किसानों से कि किसी पॉलिटिकल पार्टी के नेता के बहकावे में आकर अपनी महत्वपूर्ण जिंदगी का अंत मत करिए!
आपका जीवन आपके परिवार और देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है |

मेरा यह मानना है कि इन आत्महत्याओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए | यह मेरा पूरा विश्वास हैे कि इसके पीछे का तथ्य जब निकल कर सामने आएगा तो पूरे देश की आंखें खुली की खुली रह जाएंगी और बहुत से विपक्ष के नेता जो गिद्धों की तरह इन लाशों पर राजनीति करते हैं जेल की सलाखों के पीछे नजर आएंगे |

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Gaurav Singh
Gaurav Singhhttp://www.sarthakchintan.com
He is a writer in Sarthakchintan.com
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