भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने १५ अगस्त को लाल किले से तथा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अपने बयानों से स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसे हमसे दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती तथा पाकिस्तान से कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं होगी | चर्चा केवल पी. ओ. के. अर्थात पाक अधिकृत कश्मीर पर ही होगी |
केंद्र सरकार की इस नीति व आक्रामकता का स्वागत होना चाहिए | लेकिन इस देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस, वामपंथी, समाजवादियों को वोट बैंक के कारण यह नीति पसंद नहीं आ रही है | शुरू शुरू में इन सभी ने इस काम की आलोचना की परंतु जनमानस के जबरदस्त समर्थन के सामने झुकते हुए संसद में तथा मीडिया में समर्थन के लिए विवश हुए वह भी किन्तु-परंतु के साथ | यह भारतीय जनमानस की सोशल मीडिया पर आयी टिप्पणियों का ही परिणाम है | परंतु इसका दूसरा पहलू भी है | सोशल मीडिया पर तथा टी वी चैनलों पर विपक्षी पार्टियों के प्रवक्ताओं द्वारा सवाल पूछे जा रहे हैं कि कब और किन किन फोरम पर पी. ओ. के. का मुद्दा उठाया जायेगा और पी. ओ. के. को वापस लेने की नीति स्पष्ट की जाये, अब तक अपने कब्जे वाले कश्मीर की समस्या हल नहीं कर पाए और पी. ओ. के. को लेने की बात कर रहे हैं, कश्मीर की असफलता से ध्यान हटाने के लिए पी. ओ. के. की बात की जा रही है……इत्यादि | ऐसा लगता है कि ऐसे लोग नहीं चाहते कि पी. ओ. के. के सहित कश्मीर की समस्या का समाधान हो | भारतीय मुसलमान अलगाववादी रहे, हिन्दू विरोधी रहे ताकि उसे भाजपा, संघ परिवार, भगवाकरण आदि का दर दिखाकर वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहे | इसी में कांग्रेस, वामपंथियों, समाजवादियों, विदेशी टुकड़ों पर पलने वाले बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, मीडिया वालों की भलाई है, उनकी दुकान चलती रहेगी | देश व देशवासियों का भविष्य क्या होगा उसकी चिंता नहीं है | यह कड़वा सच है कि यदि मुसलमान राष्ट्रवादी हो गया और अलगाववाद को छोड़कर भारत की मुख्य धारा से जुड़ गया तो इन सब की दुकान बंद हो जाएगी | दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस और वामपंथी पूछ रहे हैं कि पी. ओ. के. को वापस लेने की क्या नीति होगी | किन किन फोरम पर इसका मुद्दा उठाया जायेगा ……. यह बहुत ही छोटी और घटिया सोच है | नीति और योजना घोषित करने से क्या उसमें सफलता मिलेगी ?क्या पाकिस्तान और भारत विरोधी देश उस नीति और योजना की काट पहले से नहीं ढून्ढ पाएंगे ? धिक्कार है ऐसी घटिया सोच पर |
देश की जनता से अपेक्षा है कि ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाये |