पिछले शुक्रवार को पटना में जाकिर नाईक के समर्थन में किये गए प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए | इशरत जहाँ के एनकाउंटर पर नितीश कुमार के क्या विचार थे यह आप सभी को पता ही है | जे एन यू में हुई देशद्रोही नारेबाजी के आरोपी कन्हैया कुमार का भी नितीश कुमार ने विरोध नहीं किया बल्कि समर्थन ही किया | अब जब प्रदेश का मुख्यमंत्री खुले आम इस तरह से देशविरोधी काम करने के आरोपियों को बचाता हुआ दिखेगा तो प्रदेश में छुपी हुईं देशद्रोही ताकतें तो खुले आम अपनी गन्दी देशद्रोही हरकतें करेगी ही |
पहले इस प्रदर्शन की ये वीडियो देखिये –
फ़िलहाल खबर है कि इस मामले में तौफीक नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है | लेकिन क्या इस व्यक्ति पर कोई कार्रवाही भी होगी या इस मामले में खुद को साफ़ दिखाने के लिए बस एक गिरफ़्तारी का ड्रामा किया गया है ?
देश की तथाकथित सेक्युलर सरकारें जिस तरह से अपने झूठे सेकुलरिज्म के लिए आये दिन आतंकियों को मासूम साबित करने में जुटी हुई हैं उस से इन प्रदेशों में ऐसी ताकतों की हिम्मत काफी बढ़ गयी है | यदि ऐसे नेताओं ने तुरंत अपनी ये गन्दी राजनीति बंद नहीं की तो आने वाले समय में देश के अंदर छुपे हुए गद्दार इसी तरह ताकतवर बनते रहेंगे और देश के लिए समस्या पैदा करते रहेंगे |
सेकुलरिज्म या धर्मनिरपेक्षता का असली मतलब सर्व धर्म सम भाव है न कि सिर्फ धर्म के नाम पर गुनहगारों की गलतियों पर पर्दा डालना | इस देश में कई नेताओं ने सेकुलरिज्म को बस वोट बैंक की राजनीती का हथियार बनाकर रख दिया है |
यहाँ गलती सिर्फ इन तथाकथित सेक्युलर नेताओं की नहीं बल्कि उन लोगों की भी हैं जो कि सिर्फ अपनी जाति / धर्म या नोट के चक्कर में ऐसे लोगों को वोट देकर ताकतवर बनाते हैं | अब तक जो हुआ उसे तो नहीं बदला जा सकता लेकिन आगे तो इस बात का ख्याल रख जा सकता है कि वोट सिर्फ उम्मीदवार की योग्यता. ईमानदारी एवं नियत के आधार पर दिया जाये न कि जाति / धर्म या नोट के चक्कर में |