ए बी पी न्यूज़ चैनल पर खबर सुनी कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन में मीडिया द्वारा बनाया गया हीरो हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर कर सकता है | वैसे तो इस में चौंकने की कोई बात नहीं है क्योंकि सारे मोदी विरोधी आजकल पक्के दोस्त ही हैं | फिर भी यहाँ सोचने वाली बात यह है कि इस आंदोलन की शुरुआत से ही हार्दिक पटेल पर यह आरोप लगता रहा कि वो यह आंदोलन आम आदमी पार्टी के इशारे पर कर रहा है लेकिन हार्दिक पटेल ने अपने आम आदमी पार्टी से किसी भी तरह के सम्बन्धों को नकार दिया था |
अब यदि हार्दिक पटेल की आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने की खबर सच साबित होती है तो फिर इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी की भूमिका पर भी सवाल उठेंगे ही | गुजरात में लम्बे समय से भाजपा ताकतवर बनी हुई है और सत्ता में है | प्रधानमंत्री मोदी जी ने लोकसभा चुनाव के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया | इस बात में कोई शक नहीं है कि यदि मोदी जी आज भी गुजरात के मुख्यमंत्री होते तो कोई भी पार्टी उनको गुजरात के अगले चुनावों में हरा नहीं पाती | यहाँ मोदी जी का न होना आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस को एक मौके की तरह लग रहा है | विकास के नाम पर तो गुजरात में भाजपा को हराया नहीं जा सकता तो कुछ तो ऐसा मुद्दा चाहिए था जिस से कि भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगायी जा सके | पाटीदार समाज काफी समय से भाजपा से जुड़ा हुआ है | ऐसे में पहले पाटीदार समाज को आरक्षण देने की मांग की जाती है, फिर आंदोलन किया जाता है और अब आंदोलन के करता धर्ता आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने वाले हैं | इस सब को देखते हुए तो यह पूरा आंदोलन आम आदमी पार्टी का किया काम ही लगता है |
अब अगले विधानसभा चुनाव में इन लोगों की कोशिश यही होगी कि इस आंदोलन के बहाने भाजपा को पाटीदार समाज का विरोधी साबित किया जाये और पाटीदार समाज के वोट भाजपा से आम आदमी पार्टी या फिर अन्य किसी दल को दिलाये जाएं | पाटीदार समाज ने यदि भाजपा को वोट नहीं दिया तो इस से भाजपा को कितना नुक्सान होगा ये तो अभी मुझे नहीं पता | लेकिन कुछ न कुछ नुकसान तो होगा ही |
अब ये तो आने वाले समय में पता चलेगा कि पाटीदार समाज के लोग इस आरक्षण की लड़ाई में गुजरात के विकास से समझौता करते हुए गैर-भाजपा पार्टी चुनते हैं या फिर से भाजपा को ही अपना समर्थन देते हैं | मैं पाटीदार समाज के सभी बुद्धिजीवियों को यही सलाह दूंगा कि आरक्षण के चक्कर में कहीं गुजरात को विकास की राह से न उतार देना, आपका एक गलत वोट आपकी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य ख़राब कर सकता है | वोट सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवार की योग्यता, ईमानदारी एवं नियत के आधार पर ही दें |