मेजर जनरल जी डी बक्शी जी ने आई आई टी मद्रास के छात्रों के बीच एक भाषण देते हुए कहा कि भारत में शांति स्थापित करने का एक ही तरीका है कि पाकिस्तान का ४ हिस्सों में बंटवारा कर दिया जाये | उनका यह भाषण होते ही कुछ पत्रकारों एवं तथाकथित विचारकों के पेट में दर्द होने लगा और इस भाषण को तुरंत इन लोगों ने हेट स्पीच की उपाधि दे डाली | ये वही लोग हैं जो कि जे एन यू की भारतविरोधी गैंग का अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अब तक बचाव करते आये हैं |
“भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह”, “भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी” आदि नारे इनकी नज़र में अभिव्यक्ति की आज़ादी हैं लेकिन “पाकिस्तान के ४ टुकड़े कर दिए जाने चाहिए” हेट स्पीच एवं झूठा राष्ट्रवाद ? कश्मीर में लग रहे भारत विरोधी नारे एवं सेना पर पथराव भी इनको अभिव्यक्ति की आज़ादी लगते हैं लेकिन सेना का पैलेट गन से किया गया जवाबी हमला अत्याचार | आतंकवादी एवं नक्सलवादी इनको भटके हुए मासूम नौजवान नज़र आते हैं और उनके एनकाउंटर एवं फांसी इनको गलत लगते हैं लेकिन इनसे हुईं मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों पर ये लोग चुप्पी साधे रहते हैं | इन लोगों की ऐसे मुद्दों पर राय देखकर लगता ही नहीं कि ये लोग भारतीय पत्रकार / विचारक हैं | ये तो सीधे सीधे पाकिस्तान समर्थक एवं भारत विरोधी ही दिखाई देते हैं |
एक तरफ पाकिस्तान की मीडिया हैं जिस ने पाकिस्तानी सरकार की एक आवाज पर राजनाथ सिंह जी का भाषण नहीं दिखाया और वहीँ ऐसी कई भारतीय न्यूज़ एजेंसियां हैं जो कि कुछ अच्छा दिखाए या न दिखाएं लेकिन भारत विरोधी नारेबाजी एवं गतिविधियों को इस तरह का रंग देकर जरूर दिखाएंगी जैसे कि भारत विरोध सच्ची क्रांति है और देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद आतंकवाद हैं |
आज समय आ गया है कि ऐसी सभी न्यूज़ एजेंसियों एवं पत्रकारों का जनता पूर्ण बहिस्कार करे और साथ ही सरकार भी इनके खिलाफ जांच करके कड़ी कार्रवाही करे |