बलूचिस्तान, पी. ओ. के., कश्मीर एवं कश्मीर द्वारा प्रायोजित आतंकवाद पर जिस तरह श्री नरेंद्र मोदी जी एवं गृह, विदेश और रक्षा विभाग के मंत्रियों व अधिकारियों तथा सेना और बी. एस. एफ. ने जो भी नीति अपनायी तथा सीमा पर पाक रेंजरों तथा आतंकवादियों को जिस तरह से जवाब दिया जा रहा है उसका प्रभाव दिखाई देने लगा है |
केंद्र सरकार अपनी नीति और योजना घोषित नहीं कर रही है जो अच्छी बात है परंतु जो एक्शन स्टेप बाई स्टेप सामने आ रहे हैं उस से पाकिस्तान बैक फुट पर आ गया है | सीमा पर वर्तमान सरकार को बदनाम और पस्त करने के उद्देश्य से लगातार गोलीबारी व घुसपैठ की कोशिश होती रहती है जिससे विपक्षी पार्टियों में ख़ुशी की लहर दौड़ती रहती है, पूछने का मौका मिल जाता है कि कहाँ है ५६ इंच का सीना | परंतु उन्हें यह नहीं दिखाई देता कि पहले से बहुत अधिक ताकत के साथ भारतीय सेना तथा बी. एस. एफ. जवाबी कार्रवाही कर रही है और सफलता भी पा रही है क्योंकि केंद्र सरकार ने उन्हें खुली छूट तथा अधिकार दे रखे हैं जो पिछली सरकारों में नहीं होता था |
पी. ओ. के. व बलूचिस्तान में जो हो रहा है उसके लिए पाकिस्तान भारत को जिम्मेदार ठहरता रहा है, भारत मौन रहा | परंतु दोनों क्षेत्रों में पाकिस्तान के विरोध में आंदोलन लगातार बढ़ते जा रहे हैं, पाकिस्तान से आज़ादी की मांग जोरों पर होने लगी है | मोदी जी ने तथा अन्य मंत्रियों ने बलूचिस्तान की समस्या पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया और पी. ओ. के. को वापस लेने की घोषणा कर दी | बलूचिस्तान की आज़ादी की चर्चा मंत्रियों व नेताओं द्वारा की जाने लगी | पाकिस्तान सकते में आ गया और बैक फुट पर है, भारत से कश्मीर पर बात करना चाहता है | एक माह पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री व अन्य नेता जो तेवर दिखा रहे थे वे तेवर अब गायब हो गए | चीन ने भी बलूचिस्तान व पूरे कश्मीर पर हाथ खड़े कर दिए |
यह छप्पन इंच के सीने का ही कमाल है | दो बड़ी घटनाओं के घटित होने की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है जिनका क्रियान्वन निकट भविष्य में होने की पूरी सम्भावना है | पहला पी. ओ. के. पर भारत का कब्ज़ा और दूसरा पाकिस्तान का फिर बटवारा होकर बलूचिस्तान अलग राष्ट्र बनेगा |