जो लोग “भारत तेरे टुकड़े होंगे” “इंडिया गो बैक” के नारे लगाने को अभिव्यक्ति की आज़ादी साबित करके आरोपियों का बचाव करते हैं, आतंकियों के नाम जी एवं साहब लगाकर पूरी इज़्ज़त के साथ लेते हैं, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की जगह जानबूझकर हिन्दू/भगवा आतंकवाद जैसे झूठ को जन्म देते हैं, झूठे सेकुलरिज्म के नाम पर कश्मीर एवं खालिस्तान मुद्दे पर भारत विरोधी ताकतों का समर्थन करते हैं, इशरत जहाँ बटला हाउस आदि एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों को निर्दोष साबित करने की कोशिश करते हैं, “वन्दे मातरम” को धर्म से जोड़ देते हैं, वो पूरे जोश एवं ख़ुशी के साथ कल फिर घर से निकले | वो इतने खुश थे जैसे उन्हें वो मिल गया हो जिस का उन्हें काफी समय से इंतज़ार था | वो इतने जोश में थे जैसे उन्होंने दुनिया जीत ली हो | वो इतने खुश थे जैसे उन्हें दुनिया की सब से बड़ी ख़ुशी मिली गयी हो |
अपनी गन्दी राजनीति के लिए भारत विरोधी काम करने से भी न चूकने वाले ऐसे लोगों से NSG मामले पर भी एक साथ खड़े होकर चीन का विरोध करने की जगह मोदी जी के विरोध की ही उम्मीद थी | ऐसे लोग नहीं होते तो यह देश इतने साल गुलाम न रहा होता | जनता ने ऐसे लोगों को २०१४ में सबक सिखा दिया था और २०१९ में भी सिखाएगी |
अरविन्द केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के कई नेताओं एवं समर्थकों ने फेसबुक एवं ट्विटर पर जी भरकर पूरे जोश एवं ऊर्जा के साथ NSG मामले में मोदी जी को गालियां दी | लेकिन इनके द्वारा पोस्ट किये गए किसी भी मैसेज में मुझे चीन को गालियां नहीं दिखाई दीं | चीन को गालियां देते भी कैसे, चीन की ही बदौलत तो इनको मोदी जी को गालियां देने का एक मौका मिला |
कांग्रेस एवं अन्य कुछ पार्टियों के नेताओं एवं समर्थकों का भी वही हाल रहा | जी भर के मोदी जी को गालियां लेकिन कहीं भी चीन को कोई गाली नहीं |
क्या इन सभी नेताओं को मोदी जी का विरोध की जगह अपने सभी समर्थकों से चीन का विरोध करने की अपील नहीं करनी चाहिए थी ? क्या इन सभी को देशवासियों से मेड इन चाइना सामान का बहिष्कार करने की अपील नहीं करनी चाहिए थी ? क्या इन सभी लोगों को कल ये सन्देश नहीं देना चाहिए था कि इस मुद्दे पर हम मोदी जी एवं केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं और वो चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जो भी फैसला लेंगे हम उस में पूरा समर्थन एवं सहयोग देंगे ?
शर्म से तो तब सर झुक गया जब मैंने इन नेताओं के कई पढ़े लिखे समर्थकों को भी इस समय चीन के विरोध की जगह मोदी जी का विरोध करते देखा |
ऐसी गिरी हुई सोच वाले लोगों को मैं कोई सन्देश नहीं दूंगा | लेकिन बाकी समझदार एवं देशभक्त भारतवासियों से हाथ जोड़कर विनती करूँगा कि अब यदि थोड़ी सी भी देशभक्ति, स्वाभिमान एवं सच्चाई आप में बची है तो कसम है आपको भारत माता की, मर जाना लेकिन कोई भी मेड इन चाइना सामान नहीं खरीदना |