नितीश जी ने बिहार में शराब बंद करने का वादा किया था जो कि उन्होंने निभाया भी | अब बिहार में शराब पर प्रतिबन्ध है | चुनावी वादे कम ही नेता निभाते हैं इसलिए नितीश जी का शराब बंदी का वादा निभाना सराहनीय है | लेकिन उन्होंने जंगलराज को लेकर भी एक वादा किया था, उस वादे को निभाने के लिए कब ठोस कदम उठाये जायेंगे ?
बिहार कई सालों तक नितीश जी के पिछले कार्यकालों में जंगलराज से मुक्त रहा, आज वही बिहार अचानक से नितीश जी के नेतृत्व में आई इस नयी सरकार में बहुत ही तेजी से बढ़ते जंगलराज को देख रहा है | आए दिन बिहार से हत्या, लूट, फिरौती आदि की ख़बरें आती रहती हैं | जंगलराज के बढ़ने के कारणों के बारे में हम सभी जानते हैं | अपराधिक छवि के नेताओं से भरी हुई राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर बनायीं गयी किसी भी सरकार में कोई भी अच्छी कानून व्यवस्था की उम्मीद नहीं कर सकता |
बिहार में लगातार बढ़ते जंगलराज पर नितीश जी का आँखें बंद रखना बहुत ही बड़ी चिंता का विषय है | यदि इसी तरह नितीश जी बिहार में बढ़ते जंगलराज पर चुप रहे तो फिर इस सरकार का अपना ५ साल का कार्यकाल पूरा करना भी तय है | यदि बिहार में जंगलराज इसी गति से बढ़ता रहा तो आने वाले कुछ समय में बिहार की जनता को शायद बहुत ही बुरे दिन देखना पड़ें | जिस जनता ने नितीश जी को इतनी बड़ी जीत दिलाई आखिर उस जनता को इस जंगलराज से मुक्त कराने के लिए नितीश जी क्यों कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं ? क्या इस का कारण सिर्फ सत्ता में बने रहने का लालच है ?
नितीश जी से मैं यही कहूंगा कि उनको अब जंगलराज पर किये गए अपने वादों को जल्दी से निभाना चाहिए ताकि बिहार की जनता को भय से मुक्ति मिले और वह शांति से जी सके | यदि जंगलराज के वापस न लौटने का वादा पूरा नहीं हुआ तो शराबबंदी भी सिर्फ कानूनी रूप से दिए गए लाइसेंस कैंसिल करने तक सीमित रहेगी क्योंकि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त अपराधियों द्वारा की जा रही गैरकानूनी शराब बिक्री को रोकने की कोशिश करने की हिम्मत कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं दिखा पाएगा |