पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में नदियों को आपस में नहरों के जरिये जोड़ने की परियोजना की सम्भावना पर विचार शुरू किया गया था लेकिन यू पी ये सरकार ने इस परियोजना को ठन्डे बस्ते में डाल दिया था | अब वर्तमान केंद्र सरकार ने ३० नहरों के निर्माण के साथ इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है |
पानी को लेकर आज भी इस देश में बड़ी असमानता है | एक तरफ ऐसे राज्य हैं जो सूखे से परेशान हैं और वहीँ ऐसे राज्य भी हैं जो हर साल बाढ़ के कारण जान और माल की बड़ी बर्बादी झेलते हैं | अब यदि ऐसे राज्यों की नदियों को नहरों के द्वारा जोड़ दिया जाये तो ये परियोजना इन राज्यों की जनता के लिए वरदान साबित होगी | सूखा एवं बाढ़ के कारण इन क्षेत्रों में किसान का भी बुरा हाल है क्योंकि सबसे ज्यादा नुकसान तो किसान की फसल को होता है | फिर यही फसल की बर्बादी महंगाई में बदल जाती है और इस बड़ी महंगाई से सारे देश की जनता को मुसीबत का सामना करना पड़ता है | साथ ही सूखा एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर साल राहत कार्यों में भी काफी सरकारी धन खर्च हो जाता है |
इस परियोजना के पूरा होते ही इन राज्यों में इस तरह से फसल एवं जान-माल के अन्य नुकसान बंद हो जायेंगे और साथ ही हर साल रहत कार्यों में खर्च होने वाले सरकारी धन की भी बचत होगी | इस परियोजना से न केवल इन राज्यों की बल्कि पूरे देश की जनता के अच्छे दिन आएंगे |