Thursday, November 21, 2024
HomePoliticsबलोचिस्तान और POK का मुद्दा उठाये जाने से नाराज मोदी विरोधी क्या...

बलोचिस्तान और POK का मुद्दा उठाये जाने से नाराज मोदी विरोधी क्या देश को भी भूल गए हैं ?

- Advertisement -

जब इंदिरा गाँधी जी के समय भारत ने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने के लिए समर्थन किया, उस समय की विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का खुल के समर्थन किया था | अटल बिहारी वाजपेयी जी उस समय विपक्षी नेता थे | उन्होंने इंदिरा जी का साथ देते हुए देशहित के इस काम के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई देशों का दौरा किया था ताकि ज्यादा से ज्यादा देशों का बांग्लादेश बनाने के लिए समर्थन प्राप्त किया जा सके | विपक्ष इस युद्ध के समय केंद्र सरकार के साथ कन्धा से कन्धा मिलकर खड़ा रहा था क्योंकि उस समय विपक्ष का मतलब होता था कि केंद्र सरकार के गलत कामों का विरोध किया जाये और राष्ट्रहित के सभी कामों में केंद्र सरकार का खुल के समर्थन किया जाये |

आज कांग्रेस, उसकी सहयोगी पार्टियों एवं कई अन्य विपक्षी दलों ने विपक्ष की परिभाषा ही बदल के रख दी है | आज विपक्ष का मतलब है कि हर मामले में केंद्र सरकार का विरोध करो, फिर चाहे वो काम राष्ट्रहित का ही क्यों न हो |

भारत और पाकिस्तान के बीच गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है | यह कहना गलत नहीं होगा कि आज देश पाकिस्तान के साथ एक निर्णायक युद्ध के करीब खड़ा है | मोदी जी एवं केंद्र सरकार कई बार खुलकर गिलगिट – बलोचिस्तान और POK में पाकिस्तानी सेना द्वारा जनता पर किये जाने वाले अत्याचारों का विरोध कर चुके हैं और यह इशारा भी कर चुके हैं कि केंद्र सरकार इन सभी हिस्सों को पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने का मन बना चुकी है | एक न्यूज़ चैनल पर इस मुद्दे पर हो रही बहस में संघ के विचारक राकेश सिन्हा जी ने तो यहाँ तक कह दिया कि अगले स्वतंत्रता दिवस के पहले ये सभी हिस्से पाकिस्तान से आज़ाद हो चुके होंगे और भारत के साथ १५ अगस्त २०१७ पर स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे |

ऐसे निर्णायक समय में सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट होकर देशहित के इस काम में मोदी जी एवं केंद्र सरकार का ठीक उसी तरह से समर्थन करना चाहिए था जिस तरह बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई में इंदिरा जी का विपक्ष ने साथ दिया था | लेकिन मोदी जी द्वारा गिलगिट – बलोचिस्तान और POK का मुद्दा उठाने का कुछ कांग्रेसी नेताओं (जैसे सलमान खुर्शीद, मणिशंकर अययर) और कुछ पत्रकारों ने विरोध करते हुए यह कह दिया कि यह पाकिस्तान का आतंरिक मामला है और भारत को इस में दखल नहीं देना चाहिए | सलमान खुर्शीद तो यहाँ तक कह गए कि मोदी जी का यह मुद्दा उठाना असभ्य है |

मोदी विरोध में आखिर और किस हद तक गिरेगा विपक्ष ? जे एन यू में भारत विरोधी नारे बाजी के आरोपियों का समर्थन, आतंकियों के एनकाउंटर और फांसी का विरोध, कश्मीर में सेना द्वारा पैलेट गन के उपयोग का विरोध और अब मोदी जी एवं केंद्र सरकार के बलोचिस्तान और POK की पकिस्तान से आज़ादी दिलाने के निर्णय का विरोध | यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि मोदी विरोध करते करते मोदी जी के कई विरोधी कब देशद्रोही हो गए ये शायद उनके समर्थकों को भी पता नहीं चला |

खैर, ये तो नहीं सुधरेंगे | इस समय जनता को पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए | एक जुट होकर केंद्र सरकार का समर्थन कीजिये और मांग कीजिये कि केंद्र सरकार जल्दी से जल्दी इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठाये | साथ ही मोदी जी एवं केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध करने वालों को भी चुनाव में सबक सिखाएं |

- Advertisement -
Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular