२०१४ के लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार बहुत बड़ा मुद्दा था | जनता की मोदी जी से यही उम्मीद थी कि वो न तो भ्रष्टाचार करेंगे न करने देंगे और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही भी करेंगे | यह बात किसी से छुपी नहीं है कि विपक्ष का आजकल बस एक ही उद्देश्य है कि किसी न किसी तरह से मोदी सरकार को घेरा जाये, आरोप लगाए जाएं और यह सब खास तौर पर चुनाव के और लोक सभा / राज्य सभा के सत्रों के बीच तो जरूर ही किया जाता है ताकि चुनाव के समय जनता को मूर्ख बनाया जा सके और लोक सभा और राज्य सभा को रोककर किसी भी तरह से मोदी सरकार के कई महत्वपूर्ण बिल को पास होने से रोका जाये |
किसी भी नयी सरकार को सरकारी तंत्र की आवश्यक निगरानी और संवैधानिक नियंत्रण में कुछ समय लगता ही है | वही समय मोदी सरकार ने भी शुरुआत में लिया | तो इस समय में विपक्ष ने मोदी सरकार पर बहुत आरोप लगाए कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मोदी ने क्या किया, मोदी भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं, भ्रष्टाचारियों को मोदी सरकार का संरक्षण है आदि आदि | एक बार वह आवश्यक समय पूरा हुआ तो मोदी सरकार ने विभिन्न तरीकों से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी | नोटबंदी इसका नया ताजा उदाहरण है |
अब सभी को पता है कि राजनीति एवं सरकारी तंत्र में अब ईमानदार लोग बहुत कम हैं | मैं यह नहीं कहूंगा कि बिलकुल भी नहीं हैं | कई ईमानदार लोग भी हैं | अब जब भी भ्रष्टाचार पर जांच एवं कार्यवाही होगी तो जाहिर सी बात है कि उसमें कई नेता और सरकारी अधिकारी फसेंगे ही | वही हो रहा है | अब इस पर विपक्ष मोदी सरकार का विरोध करने के लिए उन भ्रष्टाचारियों को भी संरक्षण देने तैयार है | कभी केजरीवाल तो कभी ममता बेनर्जी तो कभी मायावती तो कभी और लोग अब सरकार पर सी. बी. आई. के दुरूपयोग के आरोप लगाने लगे हैं | ममता बेनर्जी ने तो अपने एक नेता के बचाव में यह तक कह दिया कि २-३ लाख ले भी लिए तो उस में क्या गलत है यह कोई बड़ी बात नहीं | खुद को ईमानदारी का अवतार कहने वाले केजरीवाल भी इस मुद्दे पर पूरी तरह से मोदी सरकार के विरोध में खड़े हैं | काले धन के खिलाफ लिए गए नोटबंदी के इतने महत्वपूर्ण फैसले का भी विरोध किया गया |
हालाँकि विरोधियों के शोर को दरकिनार करके जनहित के काम करते रहना मोदी जी की पुरानी आदत है जो कि गुजरात में उनके द्वारा किये गए कामों से काफी पहले ही साबित हो चुकी है | अब वही काम वो केंद्र सरकार में आकर कर रहे हैं | विपक्ष कितना भी शोर मचा ले लेकिन न तो जनहित के काम रोके जायेंगे और न ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही और ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि जनता ने मोदी जी को इसी उम्मीद के साथ जिताया था |
नोटबंदी में हुईं असुविधाओं के बावजूद जिस तरह जनता के बीच मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ी है यह इस बात का प्रमाण है कि जनता इस समय भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ होने वाली सभी कार्यवाहियों के मुद्दे पर मोदी जी के साथ है | भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ मोदी जी ने जो यह जंग शुरू की है उसमें ज्यादातर देशवासियों की ही तरह मैं भी उनके साथ हूँ | विपक्ष को जो भी गलतफहमियां हैं वो जनता आने वाले राज्य सरकारों के चुनाव में दूर कर ही देगी |