कल अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री जी एवं भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि अगस्ता मामले में कांग्रेस और भाजपा मिली हुई है | अपनी इस बात का उन्होंने यह तर्क दिया कि यदि प्रधानमंत्री जी कांग्रेस से मिले हुए नहीं होते तो फिर अब तक सोनिया गांधी को अगस्ता मामले में जेल भेज चुके होते |
अब यदि हम थोड़ी देर के लिए हम अरविन्द केजरीवाल का यह तर्क मान भी लें तो फिर इस तर्क के हिसाब से तो अरविन्द केजरीवाल कांग्रेस के साथ कॉमन वेल्थ घोटाले एवं अब तक कांग्रेस द्वारा दिल्ली में किये गए अन्य सभी घोटालों में मिले हुए हैं क्योंकि अरविन्द केजरीवाल ने न तो अब तक शीला दीक्षित को जेल भेजा है और न ही अन्य किसी कांग्रेसी नेता को | और हाँ, अरविन्द केजरीवाल भाजपा से भी तो मिले हुए हैं क्योंकि दिल्ली के चुनाव के पहले केजरीवाल भाजपा नेताओं पर एम सी डी में घोटाला करने का आरोप लगाते थे लेकिन उन्होंने अब तक एक भी भाजपा नेता को जेल नहीं भेजा |
जब भी अरविन्द केजरीवाल से पुछा जाता है कि इन मामलों में किसी को जेल क्यों नहीं भेजते तो वो तुरंत ए सी बी एवं दिल्ली पुलिस का अपने अधीन न होने का रोना रोने लगते हैं | क्या इन्हें यह बात दिल्ली के चुनाव के पहले नहीं पता थी ? यह सब जानकारी होते हुए भी उन्होंने दिल्ली की जनता से वादे किये थे न कि सभी भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे ? शीला दीक्षित के खिलाफ जो ये सबूतों की एक फाइल दिखाते रहते थे, लगता है कि चुनाव जीतने के बाद वो फाइल तथा जन लोकपाल बिल दोनों ही कहीं खो गए हैं |
अगस्ता मामले में पहले तो केजरीवाल लम्बे समय तक चुप्पी साधे रहे और फिर जब सोशल साइट्स एवं मीडिया में लोग उनकी इस चुप्पी पर सवाल उठाने लगे तो उन्होंने यह मुद्दा कुछ इस तरीके से उठाया जैसे कि यह घोटाला मोदी जी के नेतृत्व वाली मौजूदा केंद्र सरकार ने किया हो | जिस तरह का हमला सोनिया गांधी एवं कांग्रेस पर किया जाना चाहिए था वो इन्होने मोदी जी एवं भाजपा पर किया |
मैं अरविन्द केजरीवाल से पूछना चाहता हूँ कि आखिर क्या वजह है कि कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलने में उनकी जुबान पर ताला लग जाता है ? जहाँ बोलते भी हैं तो कुछ इस तरह बोलते हैं जैसे कि ये घोटाले कांग्रेस ने नहीं बल्कि मोदी जी ने किये हैं |
मैं भी चाहता हूँ कि हर एक भ्रष्टाचारी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए | लेकिन इस देश की न्याय व्यवस्था जिस तरह की है उस में किसी को भी १०-२० दिन में सजा नहीं हो जाएगी, समय लगेगा | मौजूदा सरकार ने न्यायपालिका को दुरुस्त करने के लिए ज्युडिसरी एकाउंटेबिलिटी बिल लाया था लेकिन कुछ संवैधानिक नियमों का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट ने उस बिल को लागू नहीं होने दिया | यदि केजरीवाल सच में चाहते हैं कि भारत में ऐसे सभी घोटालों पर समय से न्याय मिले तो फिर उनको न्यायपालिकाओं में सुधार के लिए सुझाव देना चाहिए एवं मौजूदा केंद्र सरकार भी इस दिशा में जो भी प्रस्ताव ला रही है या भविष्य में लाएगी, उनका भी समर्थन करना चाहिए | सच जानते हुए भी जनता के सामने ऐसा झूठ का नाटक करना एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है |