उत्तराखंड में पिछले करीब ९० दिनों से जंगलों में आग लगी हुई है | ऐसे में उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के मामले पर हुए एक बड़े खुलासे में पता चला कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और यह शक भी जताया गया कि कुछ हिस्सों में लगी आग अपने आप नहीं लगी बल्कि जानबूझकर लगायी गयी है | केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जी ने इन लोगों की गिरफ़्तारी के बारे में अपने एक इंटरव्यू में मीडिया को बताया |
उत्तराखंड में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है लेकिन इन जंगलों में जब आग लगना शुरू हुई थी तब प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत जी थे इसलिए उनको इस बात का जवाब जरूर देना चाहिए कि उनकी सरकार समय रहते इन आग लगाने वालों को क्यों नहीं पकड़ पायी और यदि इस आग लगाने के पीछे कोई बड़ी साज़िश है तो उनकी सरकार ने इस साज़िश का पता लगाने के लिए क्या जांच करवाई थी |
अब आप यदि यह सोच रहे हैं कि इस तरह जंगल में आग लगने से किसी को क्या फायदा हो सकता है और मैं किस घोटाले की बात कर रहा हूँ तो मैं आपको बता दूँ कि इस तरह की जली हुई लकड़ी काफी अच्छे दामों में बिकती है और इतनी सारी जली लकड़ी को बेचकर फ़ॉरेस्ट विभाग को काफी अच्छी कमाई होने वाली है, साथ ही इतनी सारी जली हुई लकड़ी मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी काफी लाभ होगा | इस देश के इतिहास में शायद ही कभी हुआ हो कि किसी जंगल के किसी आपदा की वजह से नष्ट हो जाने पर वहां दुबारा जंगल बनाया गया हो | अब जंगल के जल जाने की वजह से जो इतनी सारी खाली जमीन सरकार को मिलेगी उस का क्या किया जायेगा ? अब प्रॉपर्टी के व्यवसाय से जुड़े लोगों को और अन्य व्यवसाय के लिए उत्तराखंड में जमीन तलाश रहे व्यवसायियों को यदि राज्य सरकार ये जमीन बेचेगी तो उस से सरकार को भी काफी आमदनी होगी |
जब इतनी सारी खरीद फरोख्त सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों के जरिये राज्य में होगी तो उस में यदि सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार करना चाहे तो अब आप ही सोचिये कि कितना बड़ा घोटाला किया जा सकता है | मैं ऐसा कोई दावा नहीं कर रहा हूँ कि इस सब में घोटाला होगा ही | लेकिन जिस तरह से लोग जंगल में आग लगाते हुए पकड़े जा रहे हैं उस को देखते हुए एक बड़े घोटाले की सम्भावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि बिना किसी उद्देश्य के तो कोई इस तरह जगलों में आग लगाएगा नहीं | अब ये उद्देश्य किस तरह का घोटाला करने का है वो तो आने वाला समय ही बताएगा | जो लोग इस सब मामले में गिरफ्तार हुए हैं यदि उन के साथ सख्ती से पूछताछ हो तो शायद जल्दी ही किसी बड़े घोटाले की योजना के बारे में इस देश को पता चले |
इस मामले में एक रिपोर्ट मैंने कल ज़ी न्यूज़ पर देखी | ज़ी न्यूज़ चैनल ने भी ऐसा कोई दावा नहीं किया कि इस मामले में कोई बड़ा घोटाला होगा ही लेकिन उन्होंने ये जरूर बताया कि इस तरह से जंगलों में आग लगाने से कुछ लोगों को क्या क्या बड़े फायदे हो सकते हैं | मैंने उनकी इस रिपोर्ट के साथ अपने विचार जोड़ते हुए इस लेख को लिखा है | इस मुद्दे के इस पहलू को दिखाने के लिए ज़ी न्यूज़ को धन्यवाद |