Thursday, November 14, 2024
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क्रोध, आक्रोश और ताकत की हनक – जे डी यू के विधायक के पुत्र का मामला ताज़ा उदाहरण

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अभी ताज़ा समाचार आया कि बिहार की एक जे डी यू की एम एल सी मनोरमा देवी के पुत्र ने एक युवक को इसलिए गोली मार दी क्योंकि वह युवक उसकी कार को ओवरटेक करके आगे निकल गया था | अधिक रफ़्तार में गाड़ी चलाना कभी तो आवश्यकता होती है और कभी शौक होता है | ये शौकिया लोग रोड पर अन्य लोगों से प्रतिस्पर्धा के कारण भी तेज़ रफ़्तार कर देते हैं | सामान्य जन उन्हें साइड दे देते हैं परन्तु यदि कोई साइड न दे तो सत्ता की हनक, धन की हनक, बाहुबली होने की हनक यह बर्दाश्त नहीं कर पाती और क्रोध उत्पन्न करने का कारन बन जाती है | सम्भवतः बिहार की घटना के पीछे एम एल सी के पुत्र के मन में जो क्रोध उत्पन्न हुआ उसका कारन सत्ता की हनक ही है | हत्यारे युवक का बाहुबली पिता बचाव में झूठी गढ़ रहा है कि गोली आत्मरक्षा में चलायी गयी | जो स्वयं गन लिए हो साथ में गन वाला सुरक्षा गार्ड भी हो उनसे निहत्थे लोग हाथापाई करने का साहस नहीं कर सकते |

क्रोध का वास्तविक अर्थ सभी जानते हैं | क्रोध के कई कारण होते हैं जिसमें स्वयं की प्रकृति अर्थात स्वभाव प्रमुख है | देशकाल, परिस्थिति से उपजा आक्रोश, निराशा, हताशा, प्रतिक्रिया, विरोध, विद्रोह भी क्रोध उत्पन्न करते हैं | पश्चिमी भौतिकवादी संस्कृति के कारण व्यक्तिवाद सर्वोपरि होना स्वाभाविक है | फलस्वरूप समाज, राष्ट्र, पड़ोस, गाँव, मोहल्ला, यहाँ तक कि कुटुंब व सम्बन्धी सभी गौड़ हो जाते हैं | उपभोक्तावाद से उपजी प्रतिस्पर्धा ने भी आक्रोश को बढ़ाया है | फिल्मों में एक्शन, एंग्री यंग मैन, एंटी-हीरो इमेज वाले नायक वाले कांसेप्ट पर बनने वाली फिल्मों ने आग में घी का काम किया है |

भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथों में काम, क्रोध, मद, लोभ पर सदैव नियंत्रण की शिक्षा दी गयी | श्रेष्ठ व्यक्ति वही माना जाता है जो इन पर नियंत्रण करे | व्यक्तिवाद व स्वार्थ को भी निकृष्ठ सोच व आचरण माना जाता है तथा समष्टिवाद व मानवधर्म को प्राथमिकता दी जाती है | ऐसी सोच व संस्कृति से प्रथम तो परिस्थिति जन्म समस्याएं कम ही उत्पन्न होती हैं और जो उत्पन्न होती भी हैं तो उनका निदान भी सहज व सरल हो जाता है | परन्तु वर्तमान भारतीय राजनैतिक ढांचा जिस प्रकार का है उसमें भारतीय संस्कृति का विरोध करने का तात्पर्य प्रगतिशील होना, मॉडर्न होना, और सेक्युलर होना है | भारतीय संस्कृति की बात करने वाला दकियानूसी व पुरातनपंथी अर्थात पिछड़ा और समय के साथ न चलने वाला व्यक्ति है |

आज की नयी पीढ़ी इसी सोच का शिकार हो रही है | प्रत्येक के मन में बड़े बड़े सपने है तथा सपने पूरा करने की बहुत जल्दबाजी है | डॉक्टरी, इंजीनियरिंग, एम बी ए के अनेकों छात्रों के उदाहरण हमारे सामने जाते रहते हैं कि कोई लूट ठगी और अपहरण, वाहनचोरी जैसे अपराधों में लिप्त हो गए और बड़े अपराधी बन गए | थोड़ा इंतज़ार करना था और पढ़ाई पूरी करके अपनी डिग्री और योग्यता के आधार पर अपने सपने पूरे कर लेते |

अनेकों की स्थिति यह होती है कि जब उनके सपने पूरे नहीं होते तो पूरी क्षमता व समर्पण के साथ प्रयास करने के स्थान पर उनके मन में व्यवस्था, शासन व संपन्न लोगों के प्रति आक्रोश उत्पन्न होने लगता है | वे समझते हैं कि सिस्टम व संपन्न लोगों के कारण उनकी स्थिति ख़राब है | इस कारण कुछ का मन क्रोध व विषाद से भर जाता है और विद्रोही स्वभाव के हो जाते हैं तथा अपराध एवं आतंकवाद की ओर बड़ जाते हैं | जो ऐसा नहीं कर पाते वो हताशा और निराशा के शिकार होकर डिप्रेसन में चले जाते हैं |

उपचार की तुलना में निरोधात्मक कार्य श्रेष्ठ माना जाता है | सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति तथा आयुर्वेद में इसी सिद्धांत पर बल दिया जाता है | आवश्यक है कि सभी क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति, प्राचीन सामाजिक सम्बन्धों व मानवधर्म पर आधारित नीतियों, कार्यक्रमों व साहित्य सृजन पर बल दिया जाए |

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Om Prakash Shrivastava
Om Prakash Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
M.A., L.L.B., Advocate, Notary Public Lalitpur (U.P.). He has interest in social service since his student life. He was active in student politics. He was arrested and sent to Jail for 1 month and 10 days for giving a speech in Lucknow University against the cancellation of recognition of Students Unions in India. He was president of Student Union of Bundelkhand College Jhansi (U.P.). He was in jail for 21 days for his participation in J.P. movement before emergency. He leaded a student group for a protest against emergency in India and was in jail for 5 months and 21 days in D.I.R. in Jhansi (U.P.) for this. That’s why U.P. Government has declared him ‘Loktantra Senani’. He is a National Executive Member of 'Loktantra Rakshak Senani Mahasangh'. He is Convener of ‘Lok Jagrati Manch’ and ‘Sarthakchintan.com’. He is an active member of BJP. His many articles have been published in different newspapers.
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