कोई सौदा हो तो उसमें मध्यस्थता करने वाला यदि कमीशन ले तो उसे दलाली कहते हैं | राहुल गाँधी बताएं कि सर्जिकल स्ट्राइक में क्या सौदा हुआ ? कौन मध्यस्थता करके दलाली खा गया ?
पी. ओ. के. में जाकर सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये पाकिस्तानी आतंकवादी मारे और आतंकी कैंप नष्ट किये जिसका निर्णय केंद्र सरकार ने लिया | आपरेशन सेना के विशेष कमांडोज ने किया | भारतीय सेना तो हमेशा से बहादुर है और प्रत्येक अवसर पर बहादुरी को प्रमाणित करती आई है | सन १९४७ के कश्मीर युद्ध तथा सन १९६२ के चीन के साथ युद्ध में भी सेना ने अपने सीमित साधनों के साथ बहादुरी दिखाई थी लेकिन तबकी सर्कार ने कायरता का परिचय दिया जिस कारण आज तक कश्मीर समस्या बनी हुई है और चीन की योजना जारी है |
मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए | पूरे विश्व में भारत की शान बढ़ी | सर्जिकल स्ट्राइक के कारण सेना का मनोबल बढ़ा, पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठन दहशत में हैं | पी. ओ. के. तथा बलूचिस्तान, सिंध, गिलगिट, बाल्टिस्तान में आजादी को मांग को लेकर आन्दोलनों ने जोर पकड़ लिया | पूरी दुनिया में इन क्षेत्रों के मूल निवासी प्रदर्शन कर रहे हैं | पाकिस्तान का आतंकवाद, अन्याय, अत्याचार तथा झूठ पूरे विश्व में उजागर हो गया | पाकिस्तान के मित्रदेश भी खुलकर उसका समर्थन करने में संकोच करने लगे | केवल चीन चुपके चुपके व परोक्ष रूप में साथ खड़ा है | इस सबका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी जी व उनकी सर्कार को देश की जनता द्वारा दिया जा रहा है | भाजपा के विरोधी दल पहले तो सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन कर बैठे, कुछ ने केवल सेना को बधाई देकर औपचारिकता पूरी कर दी | परंतु देश में जो वातावरण बना तथा सरकार व मोदी जी की प्रशंसा हुई उससे विरोशी दल सकते में हैं | विशेषकर कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी अत्यधिक हताश और निराश हैं | पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक को झुटला रहा है जबकि वहाँ आतंकवादी सरगना हाफिज सईद, मसूद अजहर इत्यादि जवाबी कार्रवाही की धमकी दे रहे हैं | पाकिस्तान सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया जिसमें भी झूठ पेश किया गया हालाँकि विरोधी दल व सरकार के कुछ साथियों ने सच्चाई उजागर करते हुए आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाही की मांग की | परंतु नवाज शरीफ और राहिल शरीफ की मदद के लिए भारत में उनके मित्र एवं शुभचिंतक राहुल गाँधी और केजरीवाल मिल गए | इन दोनों की पार्टियां भी इनके सहयोग में पूरी तरह से खड़ी हो गयीं | नवाज शरीफ और राहिल शरीफ की मांग का समर्थन करते हुए अरविन्द केजरीवाल, शिवराज पाटिल, संजय निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे | सेटलाइट, मीडिया तथा भारतीय सेना के डी. जी. एम. ओ. पर विश्वाश नहीं किया जा रहा है बल्कि नवाज शरीफ और राहिल शरीफ पर विश्वाश करके कांग्रेस पार्टी एवं आम आदमी पार्टी का राष्ट्रविरोधी तथा स्वार्थी चेहरा सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामने उजागर हो चुका है | राहुल गाँधी तथा उनकी पार्टी के नेता तथा केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया पाकिस्तान में अवश्य हीरो हो गए परंतु देशवासियों की नजर में तो वह देशद्रोही के रूप में उभरकर आये हैं |
सर्वाधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि राहुल गाँधी को सर्जिकल स्ट्राइक में खून की दलाली नजर आ रही है | कोई सौदा हो तो उसमें मध्यस्थता करने वाला यदि कमीशन ले तो उसे दलाली कहते हैं | राहुल गाँधी बताएं कि सर्जिकल स्ट्राइक में क्या सौदा हुआ ? कौन मध्यस्थता करके दलाली खा गया ? वास्तविकता तो यह है कि क्रांतिकारियों की हवा निकलने के लिए सर ये. ओ. हयूम ने कांग्रेस का गठन किया जिसका आगे चलकर गाँधी जी ने नेतृत्व किया | कांग्रेस अहिंसात्मक आंदोलन चलाती थी जिससे जनजागरण जरूर होता था लेकिन खूनी क्रांति का जोरदार विरोध किया जाता था जिससे सीमित संख्या में क्रन्तिकारी पैदा होते थे और अंग्रेज अधिक समेत तक भारत पर शासन करने में सफल रहे | स्व. जवाहरलाल नेहरू को तो ब्रिटिश हुकूमत का बहुत बड़ा मददगार माना जाता है जो समय समय पर प्रमाणित होता रहा है | बुरे शब्दों में कहें तो नेहरू जी अंग्रेजों के एजेंट के रूप में काम करते रहे | अंग्रेजों की इक्षा और योजना को साकार करने के लिए तथा प्रधानमंत्री पद के लिए उन्होंने देश के टुकड़े करवा डाले | कांग्रेस के शासन में देश में अनेकों घोटाले हुए, कमीशन के लिए आवश्यक वस्तुओं का आयात किया जाता था | यहाँ तक रक्षा उपकरणों की खरीद में दलाली ली जाती रही | बोफोर्स तोप सौदा अधिक चर्चित हुआ | कच्चे तेल के आयात में नकद दलाली कूपन लेना कांग्रेस के मंत्रियों ने ही किया | अटल जी के शासन में गैस सिलेंडर मारे मारे फिरते थे, कांग्रेस के शासन में गैस सिलेंडर की कालाबाजारी और किल्लत प्रसिद्द है | मोदी जी की सरकार आते ही गैस की किल्लत फिर समाप्त हो गयी | दरअसल कांग्रेसी नेता दलाली में माहिर हैं | सत्ता हासिल करने पर प्रत्येक कार्य में, प्रत्येक सौदे में यहाँ तक कि ट्रांसफर – पोस्टिंग में, सरकारी योजनाओं में अधिकारियों के माध्यम से कमीशन खोरी सबको पता है | कोयला घोटाले, टू जी स्पेक्ट्रम का घोटाला बहुत चर्चित हुआ | राहुल गाँधी दलाली अथवा कमीशन के बीच ही पले बढे इस कारण उन्हें यह शब्द रटा हुआ है | लेकिन राहुल गाँधी जी दलाली शब्द का प्रयोग किस मामले में करना है यह तो सीख लीजिये | दूसरी बात उन्होंने यह कही कि मोदी जी आप सैनिकों के खून के पीछे खड़े हो | सर्जिकल स्ट्राइक में तो सैनिकों का खून बहा ही नहीं तो खून के पीछे खड़े होने या छुपने का कोई सवाल नहीं निकलता |
पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के कारण हमारे देश में कई आतंकवादी घटनाएं हुईं जिसमें अभी अभी दो बड़ी घटनाएं पठानकोट तथा उरी में हुईं तथा तीसरी बारामूला में घटने वाली थी जिस पर सेना ने काबू पा लिया | इन सैनिकों के खून के पीछे खड़ा होकर जवाबी कार्रवाही के रूप में सर्जिकल स्ट्राइक करना सरकार कड़ा निर्णय तथा सेना की क़ाबलियत का अच्छा और बड़ा निर्णय है | इसको खून की दलाली कहकर राहुल गाँधी ने अपनी नासमझी, अज्ञानता तथा पप्पू – ढप्पू होने का प्रमाण ही दिया है | हद तो तब हो गयी जब इसकी सफाई भी दी जा रही है तथा कपिल सिब्बल तथा अन्य वरिष्ठ कांगेसी नेता राहुल गाँधी के समर्थन में खड़े हो गए | परंतु उनको नहीं पता कि वे सब तथा राहुल गाँधी भारत का चक्रवर्ती मूर्ख घोषित करने में लगे हुए हैं | मैं भी कहता हूँ कि भाई लगे रहो |