अज़हर मसूद पर बैन के मामले में संयुक्त राष्ट्र में चीन द्वारा दिए गए धोखे का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार चीनी कंपनियों के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस के नियम काफी कड़े करने पर विचार कर रही है | यदि ऐसा हो गया तो चीनी कंपनियों के लिए भारत में व्यवसाय करना काफी मुश्किल हो सकता है और इस का सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा |
मेरी व्यक्तिगत राय में केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बिलकुल सही दिशा में काम कर रही है क्योंकि अब चीन को ये समझना होगा कि विश्व का सबसे बड़ा ग्राहकों/उपभोक्ताओं का देश भारत अब किसी भी देश का भारत विरोधी काम बर्दाश्त नहीं करेगा | यदि भारत में बिज़नेस कर के अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत बनानी है तो भारत विरोधी काम बंद करने होंगे |
हालाँकि इन नियमों में बदलाव से हो सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़े लेकिन मुझे लगता है कि यदि इस काम से हम चीन को झुका कर करारा जवाब दे सकते हैं तो इस देश की जनता को केंद्र सरकार के इस विचार का खुले दिल से स्वागत करना चाहिए एवं समर्थन करना चाहिए | यदि हमारी अर्थव्यवस्था एवं जनता पर इस से किसी तरह का अतिरिक्त बोझ पड़ता है तब भी हमें केंद्र सरकार के इस फैसले के साथ खड़ा होना चाहिए | यदि हम आज झुक गए तो चीन जैसे देश भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देते रहेंगे और भारत को कमजोर बनाने की कोशिश करते रहेंगे | इस समय भारत को चीन के इस धोखे के लिए मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा अन्यथा ये विश्व में भारत की छवि को नुकसान पहुंचाएगा |