लगभग हर एक हिंदी फिल्म पर अपनी राय देने वाले केजरीवाल जी अगस्ता डील मामले पर लगातार चुप्पी साधे हुए थे | कई लोग फेसबुक ट्विटर पर उनकी इस चुप्पी पर सवाल उठा रहे थे एवं मजाक भी बना रहे थे | शायद इसी दवाब में आकर आखिरकार उन्होंने इस मामले पर अपना पहला बयान जारी किया | होना यह चाहिए था कि केजरीवाल जी भ्रष्टाचार के इस मामले में सोनिया गांधी जी एवं कांग्रेस के अन्य उन नेताओं के खिलाफ बोलते जिनका कि नाम इस मामले में उजागर हुआ है | लेकिन उन का बयान कुछ अलग तरह का ही रहा | यहाँ भी मोदी जी को ही दोषी की तरह पेश कर दिया गया |
पहले उनका ट्विटर पर दिया यह बयान पढ़िए |
इस में न तो सोनिया गांधी जी के नाम का कहीं जिक्र है और न ही कांग्रेस के उन अन्य नेताओं का जिनका कि नाम इस मामले में आ रहा है | उनके इस बयान में बस दो ऐसे नाम दिखे जिनका कि अगस्ता डील मामले में हुए खुलासे में कहीं भी जिक्र नहीं हैं | एक तो हैं प्रधानमंत्री मोदी जी और दूसरे हैं राबर्ट वाड्रा | मतलब इस मुद्दे पर इतने दवाब के बाद बयान दिया भी तो उस में भी असली आरोपियों के नाम नहीं लिखे | आये दिन फिल्मों का रिव्यु देने वाले एवं लगभग हर मामले में भाजपा पर हमला करने का मौका न छोड़ने वाले केजरीवाल जी की अगस्ता डील मामले पर चुप्पी पर फेसबुक एवं ट्विटर पर लोग पूछ रहे थे कि “ये रिश्ता क्या कहलाता है ?” | एक लम्बी चुप्पी के बाद जिस तरह का बयान केजरीवाल जी ने दिया है उसको देखकर तो मेरा भी मन केजरीवाल जी एवं उनके समर्थकों से यही पूछने का कर रहा है – “ये रिश्ता क्या कहलाता है ?”