इस देश में कई नेता ऐसे हैं जो कि अपनी गन्दी राजनीति के लिए देश के सम्मान एवं सुरक्षा तक से समझौता करने को तैयार रहते हैं | ऐसे कई मामले सामने आये जब कि नेताओं ने अपनी गन्दी राजनीति के लिए देश का सर शर्म से झुका दिया | आतंकी इशरत जहाँ को मासूम बताया गया, बाटला एनकाउंटर को भी फर्जी बताया गया, कश्मीर में धारा ३७० के हटाये जाने की मांग करने वालों का विरोध किया गया, कश्मीर एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में AFSPA को हटाकर वहां से सेना को हटाने की मांग की, पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों को वी. वी. आई. पी. लोगों की तरह सरकारी खर्चे पर सुविधाएं दी गयीं तथा उनके देशद्रोह को अनदेखा किया गया, जे. एन. यू. में हुई देशद्रोही नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन किया गया, आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की जगह हिन्दू आतंकवाद का झूठ फैलाकर पाकिस्तान को यह बोलने का मौका दिया कि भारत में उसी के लोग आतंकवाद फैला रहे हैं न कि पाकिस्तान, २६/११ के हमले के लिए आर एस एस को जिम्मेदार बताने वाली एक किताब के विमोचन में गए इत्यादि ऐसे कई मामले हैं | अब नया मामला है ये केंद्र सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगकर घुमा फिरा कर यही कहना कि ऐसी कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई ही नहीं थी |
पाकिस्तान ने पिछले कुछ दिनों में अपनी हरकतों से सभी भारतियों का खून खौला दिया है | हालाँकि इस खून के खौलने में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए थी लेकिन वहाँ भी हुई | कुछ लोग पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग कर रहे थे और कुछ लोग सिर्फ मोदी जी एवं केंद्र सरकार को कमजोर, कायर, निकम्मी, दिशाहीन, कमजोर नीति वाली आदि शब्दों से पुकार रहे थे | कुछ ऐसा लग रहा था कि कुछ मोदी विरोधियों को उरी हमले से गुस्सा नहीं आया बल्कि उनको ख़ुशी हुई कि चलो भाई एक बड़ा मुद्दा मिला मोदी जी पर हमला करने का | कई नेता और पत्रकार गला फाड़ फाड़ कर चिल्ला रहे थे कि मोदी जी एवं केंद्र सरकार बताएं कि वो पाकिस्तान पर क्या एक्शन लेने वाले हैं, अब इस में भी गन्दी राजनाति है क्योंकि कोई देश अपनी रक्षा नीति या जवाबी हमले का प्लान जगजाहिर करता है क्या ? क्या हम एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक कर पाते यदि पाकिस्तान को उस के बारे में पहले से ही पता होता ? क्या अमेरिका लादेन को मार पाता यदि १ दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पहले बताता कि देखो हम इस तरह से कल लादेन पर हमला करेंगे ? ऐसा नहीं है कि ये कुछ लोग इतने मासूम हैं कि उनको यह नहीं पता था कि हम अपनी रक्षा नीति एवं जवाबी हमले का प्लान ऐसे जगजाहिर नहीं कर सकते, बल्कि ये लोग सिर्फ इसी बात का फायदा उठा रहे थे और केंद्र सरकार पर हमला कर रहे थे |
अरविन्द केजरीवाल भी इस सब में मोदी जी पर हमला करने से कैसे चूकते | उनका बस चले तो शायद वो अपनी खांसी के लिए भी मोदी जी को ही जिम्मेदार बता दें | पहले केजरीवाल और उनकी पार्टी ने केंद्र सरकार पर लगातार हमले किये और उसे जुमले वाली, फेंकू, कमजोर, कायर, निकम्मी आदि जैसे कई शब्दों से पुकारा | फिर जब उरी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो शुरू में सिर्फ सेना को इस का श्रेय दिया और केंद्र सरकार की भागीदारी को लगभग नकार ही दिया | इनकी पार्टी की आई टी सेल के एक बड़े नेता ने तो एक बेवकूफी भरी पोस्ट में यहाँ तक लिख दिया कि – मोदी जी हमारी सेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की है, कम से कम सेना को इसकी बधाई तो दे दो | अब जब इस बात को कुछ दिन हो गए तो अरविन्द केजरीवाल ने एक विडियो रेलीज़ करके लोगों को दिखाने के लिए मोदी जी की तारीफ की, ये भी बोला के मैं आपको सेल्यूट करता हूँ, लेकिन घुमा फिराकर यह भी कह दिया कि इस सर्जिकल स्ट्राइक की विडियो दिखाई जाये | मतलब कि दिखाया तो यह कि वो पाकिस्तान का विरोध कर रहे हैं लेकिन ढके छुपे लहजे में पाकिस्तान के उस दावे का समर्थन कर दिया कि भाई हम तो नहीं मानेंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई है | इस विडियो के आते ही उनके कई समर्थक सोशल वेबसाइट्स चालू हो गए कि सर्जिकल स्ट्राइक फर्जी है |
हद है | देश के सम्मान एवं सुरक्षा की इस लड़ाई में भी ये लोग अपनी गन्दी राजनीति से बाज नहीं आ सके |