अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनैतिक शुरुआत से ही हमेशा खुद को ही न्यायमूर्ति की भूमिका में रखा | हमेशा बिना सबूतों के दूसरों पर आरोप लगाए और बिना किसी जांच के ही उनका कभी इस्तीफा माँगा तो कभी उनको जेल की सजा सुना दी | लेकिन जब कभी बात आम आदमी पार्टी के किसी साथी पर लगे आरोपों की हुई तो एक “आतंरिक जांच” नाम के एक अज्ञात और काल्पनिक पात्र के नाम पर उनको बाइज्जत बरी कर दिया | यह “आतंरिक जांच” नाम का काल्पनिक पात्र उनको कई मामलों में इस वजह से भी बचा पाया क्योंकि ज्यादातर मामलों में आरोप किसी न किसी विरोधी पार्टी ने ही लगाए, खुद की पार्टी के नेता ने अगर कभी आरोप लगा भी दिया तो उसे तुरंत पार्टी से बाहर करके भाजपा का एजेंट करार दे दिया जाता था | परन्तु इस बार आरोप पार्टी के ही एक विधायक एवं पूर्व मंत्री ने लगाए और यदि केजरीवाल की चुनावी बातों पर भरोसा करूँ तो यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इस बार आरोप एक ईमानदार नेता ने लगाए हैं | न्यायमूर्ति केजरीवाल जल्द ही “आतंरिक जांच” नामी पात्र को फिर से प्रकट कराएँगे और उस से खुद को ईमानदार कहलवा देंगे | यदि कोई यह उम्मीद लगा रहा है कि इस मामले में शायद केजरीवाल इस्तीफा दे देंगे या फिर उनके ईमानदार विधायक बगावत करके तख्ता पलट कर देंगे तो वो बहुत बड़ी गलतफहमी में है | हर बार की तरह इस बार भी आरोप लगाने वाले को भाजपा का एजेंट बताकर बात खत्म कर दी जाएगी |
केजरीवाल ने जब आम आदमी पार्टी बनाते समय जनता से एक नयी और अलग तरह की राजनीति का वादा किया था, भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की बात कही थी, भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने की बात कही थी, महिलाओं को सुरक्षा देने की बात कही थी, वी. वी. आयी. पी. कल्चर से दूर रहने की बात कही थी तथा कई तरह की मुफ्त एवं अन्य सुविधाओं का भी वादा किया था | जनता ने केजरीवाल के वादों पर भरोसा दिखाया और ६७ सीट दे डालीं | जनता को उम्मीद थी कि इतने बड़े बहुमत से जीतने के बाद केजरीवाल अब जनहित के कार्यों में जुट जायेंगे परन्तु केजरीवाल ने अपना समय आम आदमी पार्टी को और बड़ा बनाने और मोदी सरकार पर बिना वजह बयानबाजी में ही बिताया | आम आदमी पार्टी के ही कई नेताओं पर भ्रष्टाचार, महिलाओं के शोषण, वी. वी. आयी पी. कल्चर आदि के आरोप लग गए | शर्मवश ऐसे कुछ नेताओं की पार्टी से छुट्टी तो कर दी गयी और अन्य को “आतंरिक जांच” ने बचा लिया परन्तु इन सब घटनाओं ने केजरीवाल की अलग तरह की राजनीति की बात का भंडाफोड़ कर दिया | दिल्ली की जनता समझ गयी है कि यहाँ अलग तरह की राजनीति जरूर हो रही है लेकिन उसमें जनता के लिए सुखद कुछ भी नहीं है और इस का प्रमाण उसने एम. सी. डी. के चुनावों में दे भी दिया |
मुझे पूरा विश्वाश है कि इस आरोप के बाद भी केजरीवाल की कार्यशैली में कोई अंतर नहीं आने वाला है | वो आज भी शायद यही सोचते हैं कि जनता को एक बार फिर से मूर्ख बना लेंगे | अब इसका जवाब जनता ने एम. सी. डी. में तो दे ही दिया है और ऐसा ही जवाब अगले लोकसभा और राज्य सरकार के चुनावों में देगी ताकि केजरीवाल की गलतफहमी दूर हो जाये |
केजरीवाल की अब तक की कहानी देश की जनता को एक बार फिर यह सीख देती है कि आप किसी भी नेता के अंधसमर्थक न बनिए | नेताओं के अच्छे कामों की तारीफ कीजिये और बुरे कामों की आलोचना | यदि आप अंधसमर्थक बनेंगे तो उसका नतीजा वैसा ही होगा जो कि दिल्ली, बिहार और कुछ अन्य राज्यों में हो रहा है |