जी न्यूज पर एक समाचार सुना कि किस तरह जांच एजेंसियों ने कश्मीर के जेल में बंद कई आतंकियों एवं अलगाववादियों के पास से मोबाइल फ़ोन बरामद किये | इन मोबाइल फोन से व्हाट्सएप्प ग्रुप एवं अन्य संदेशों के माध्यम से पाकिस्तानी आकाओं के सन्देश घाटी में फैले आतंकियों और पत्थरबाजों तक पहुंचाए जाते थे और साथ ही सभी अलगाववादी गतिविधियों की अपडेट भी ली जाती थी | एक बड़े खुलासे में ज़ी न्यूज ने बताया कि घाटी में ऐसे कई व्हाट्सएप्प ग्रुप सक्रिय तरीके से चलाये जा रहे हैं जिनमें पत्थरबाजों को खबरें दी जातीं हैं कि कब कहाँ जाकर सेना पर पत्थरबाजी करनी है | ऐसे सभी व्हाट्सएप्प ग्रुप के एडमिन पाकिस्तान में बैठे हुए लोग हैं | यह खेल काफी समय से खेल जा रहा है |
केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के आने के बाद से ही कश्मीर में सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियां काफी आजादी के साथ काम कर रहीं हैं क्योंकि अब इनको सेक्युलर सरकारों वाली बिना वजह की रोकटोक का सामना नहीं करना पड़ता | घाटी में भाजपा सरकार के आने के बाद से अब तक कई आतंकियों के एनकाउंटर हो चुके हैं कई गिरफ्तार हो चुके हैं | हालाँकि इन सब ऑपरेशन्स और आतंकियों की ओर से की गयी इनकी जवाबी कार्यवाही में हमारे कई जवान भी शहीद हुए लेकिन फिर भी हमारे जवान खुश हैं क्योंकि अब उनको भी जवाब देने की आजादी है |
जेल में बंद इन खतरनाक आतंकियों और अलगाववादियों के पास से फोन का मिलना साफ़ दिखाता है कि कितनी आसानी के साथ ये लोग जेल में बैठकर अब तक अपनी भारतविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे और पिछली सरकारों को इसकी कोई खबर ही नहीं थी | जाहिर सी बात है कि जेल में इनको पुलिस में छुपे हुए इनके कई एजेंट की तरफ से सारी आवश्यक मदद मिल रही थी | जल्द ही लोकल पुलिस में छुपे हुए इनके जितने एजेंट हैं उनके नाम भी सामने आएंगे |
फोटो साभार – indiatimes.com