कन्हैया कुमार की नयी नीचता | अब कह रहा है कि कश्मीर में भारतीय सेना औरतों के साथ बलात्कार करती है और वो ऐ ऐफ एस पी ऐ का विरोध करता रहेगा | भारतीय सेना के जो जवान आयेदिन इस देश के लिए जान दे रहे हैं उनके बारे में ऐसा घिनौना आरोप ये आज पूरी बेशर्मी और बिना किसी डर के इसीलिए लगा पा रहा है क्योंकि ये जानता है कि यदि किसी ने इस की इस बात का विरोध किया तो फिर से इस के समर्थक नेता और मीडिया के लोग अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर इस के बचाव में आ जायेंगे | फ़िलहाल भाजपा युवा मोर्चा ने इस बयान को देशविरोधी बताते हुए इस के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी है | शर्म की बात है कि आयेदिन देशविरोधी बयान देने वाले कन्हैया जैसे लोगों को सजा की मांग करने की जगह उस के बचाव में इतने ज्यादा नेता, पत्रकार और नेताओं के समर्थक खड़े हुए हैं |
हम आज सभी राजनैतिक पार्टियों, उन के समर्थकों, मीडिया के लोगों और जनता से से पूरी गंभीरता के साथ पूछना चाहते हैं कि आखिर देशद्रोह किसे कहते हैं ? दिन रात भारत विरोधी ताकतों की तारीफ, आतंकवादियों के समर्थन में नारेबाजी, भारतीय सेना के बारे में अपशब्द – ये सब क्या है ? ये सब किस तरह से अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है ? आखिर क्यों अपनी गन्दी राजनीति के लिए ऐसे लोगों का समर्थन किया जा रहा है ?
फेसबुक या ट्विटर पर आप देख लीजिये कई पढ़े लिखे लोग आप को कन्हैया कुमार का समर्थन सिर्फ इसलिए करते मिल जायेंगे क्योंकि इन कथित शिक्षित लोगों के पसंदीदा नेता उस का समर्थन कर रहे हैं | देश जाये भाड़ में बस राजनीति चलनी चाहिए, यही सिद्धांत रह गया है क्या ? ऐसे नेता और बिकाऊ पत्रकारों का हाल तो सभी का पता है | पर जनता को क्या हो गया है ? अब तो लगता है कि ये कथित शिक्षित लोग घर में हाफिज सईद की पूजा भी करने लगेंगे यदि उनके नेता हाफिज सईद को भगवान बता दें तो |
सिर्फ कन्हैया कुमार जैसे लोग ही गद्दार नहीं हैं | वो हर एक इंसान गद्दार है जो कि आज सिर्फ राजनैतिक कारणों से इन देशद्रोहियों का समर्थन कर रहा है | ये इस देश का दुर्भाग्य है कि आज कन्हैया समर्थक इतनी ज्यादा संख्या में हैं कि कन्हैया विरोधियों का डट के मुकाबला कर पा रहे हैं | ये सभी देशद्रोही लोग इस देश को एक और विभाजन की तरफ मोड़ रहे हैं | अब समय आ गया है कि सभी देशभक्त संगठित होकर एक साथ एक आवाज में इन देशद्रोहियों के विरोध में खड़े हो जाएं और इस देश को एक और विभाजन से बचाएँ |
देखते हैं जनता को अब कुछ समझ में आ रहा है या अभी भी जनता को अपनी जाति और धर्म के नाम पर ही वोट डालने का मन है |