मोदी जी का काले धन के मुद्दे पर समर्थन करने की जगह झूठी खबरें फैलाकर क्या साबित कर रहे हैं विरोधी ?
जिस दिन से मोदी जी ने घोंषणा की कि अब देश में ५०० और १००० के पुराने नोट नहीं चलेंगे, उसी समय से काले धन के विरोधियों ने तो मोदी जी के इस फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया, लेकिन मोदी विरोधी नेताओं एवं उनके समर्थकों को इस फैसले से काफी तकलीफ हुई | चाहे वो कांग्रेस हो, लेफ्ट हो, बसपा हो, सपा हो, आम आदमी पार्टी हो, शिव सेना हो या फिर तृणमूल कांग्रेस हो, सभी के बड़े बड़े नेताओं ने कहीं खुलकर तो कहीं ढके छुपे इस फैसले का विरोध किया | इन विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ साथ इनके समर्थक भी आजकल जुटे हुए हैं इस फैसले का विरोध करने में |
आजकल सोशल साइट्स जैसे कि फेसबुक ट्विटर का जमाना है | हर पार्टी के समर्थक ऐसी वेबसाइट्स पर कभी पेज तो कभी आई डी इत्यादि के जरिये एक्टिव हैं | अब जब से मोदी जी ने काले धन पर इतना बड़ा फैसला लिया है तभी से रोज जाने कितने फ़र्ज़ी फोटो, पोस्ट, न्यूज़ आर्टिकल आदि के जरिये ऐसी अफवाहें फैलायीं जा रहीं हैं | कभी कहते हैं कि अम्बानी, अदानी आदि बड़े व्यवसाइयों को इस फैसले के बारे में पहले से पता था, कभी एक लड़की की फोटो नए नोटों के साथ शेयर करके कहते हैं कि वो किसी बड़े भाजपा नेता की बेटी है जबकि उस नेता की कोई बेटी है ही नहीं, कभी कहते हैं कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनावों के लिए खर्चे के लिए जमा किये रुपये पहले ही बदलवा लिए थे | हद तो यह है कि ये लोग एक तरफ तो कहते हैं कि मोदी सरकार ने इस फैसले की खबर पहले ही अपने नेताओं को दे दी थी ताकि वो अपने पैसे उसी हिसाब से घोषणा के पहले बदलवा लें और वहीँ दूसरी तरह ऐसी अफवाहें भी फैलाते हैं कि फलां भाजपा विधायक इतने करोड़ रुपये के ५०० / १००० के नोटों के साथ पकड़ा गया | सत्य यही है कि यह सारी खबरें झूठी हैं |
मोदी समर्थक हों या विरोधी सभी को सरकार के इस फैसले का दिल खोल के समर्थन करना चाहिए था लेकिन यहाँ भी हमेशा की तरह गन्दी राजनीति का खेल खेला गया | यहाँ बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने सराहनीय कदम उठाते हुए आपसी मतभेद को एक किनारे रखकर सरकार के इस फैसले का स्वागत किया | लेकिन अरविन्द केजरीवाल जो कि लगभग इसी तरह का दावा करते हैं जैसे कि ईमानदारी शब्द का अविष्कार उन्होंने ही किया है, वो भी पहले तो चुप रहे फिर विरोध चालू कर दिया | कांग्रेस, बसपा, सपा आदि सभी ने भी एक एक करके इस फैसले पर अफवाहों एवं झूठे आरोपों का सहारा लेकर सरकार के इस फैसले का विरोध किया |
खैर, नेता एवं उनके राजनैतिक समर्थक खुश हों या न हों, आम जनता सरकार के इस फैसले से बहुत खुश है | बाकी जिनके पास काला धन है, जो सरकार के इस फैसले से बर्बाद हो गए, जिनके सपने लुट गए, उनको तकलीफ होनी स्वाभाविक है तथा उनके मुह से धुआं एवं आग भी निकलेगी ही | आम जनता के लिए यह बहुत अच्छा समय है ऐसे नेताओं को पहचानने का जो कि काला धन जमा करने के महारथी हैं | जनता से मैं यही अपील करता हूँ कि ऐसे सभी नेताओं को आने वाले चुनावों में सबक जरूर सिखाएं |