योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और आज सारी दुनिया द्वारा इसे अपनाया जाना भारतीय संस्कृति के सम्मान का विषय है | योग दिवस को सभी देशों द्वारा स्वीकार किया जाना एवं उसका आयोजन करना भारत के लिए गर्व की बात है | योग दिवस पर सभी भारतियों को बिना किसी विवाद के गर्व होना चाहिए |
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जे डी यू समेत कई राजनैतिक दलों के नेताओं ने न तो स्वयं किसी योग शिविर या सामूहिक योग का आयोजन किया और न ही योग दिवस पर हो रहे आयोजनों पर आमंत्रण मिलने के बावजूद शामिल हुए | हालाँकि मैं यह साफ़ कर देना चाहता हूँ कि उत्तराखंड एवं कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्रियों ने योग दिवस के आयोजनों में हिस्सा लिया लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इन आयोजनों से दूरी बनाए रखी |
आखिर योग दिवस पर क्यों राजनीति हुई | यदि योग भारतीय जनता पार्टी या मोदी जी द्वारा बनाया एवं शुरू किया गया होता तो भी शायद एक बार सोच लेते कि चलो भाजपा एवं मोदी जी के विरोधी इसे स्वीकार नहीं करेंगे | लेकिन ऐसा तो नहीं है | योग भारतीय संस्कृति का हिस्सा है और योग का अपमान भारतीय संस्कृति का अपमान है |
इन विपक्षी पार्टियों ने योग दिवस का इस तरह अघोषित बहिष्कार करके भारतीय संस्कृति का अपमान किया है | सोचिये जब यह समाचार अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा दिखाया जाएगा तो भारत की राजनीति की दुनिया में क्या छवि बनेगी ? जिस दिन विश्व में भारत का सम्मान बढ़ना था वहीँ इन विपक्षी पार्टियों ने अपनी गन्दी राजनीति खेल कर भारत विरोधी ताकतों को एक मौका दे दिया भारत का मजाक बनाने का |
मैं ऐसे सभी राजनैतिक दलों से कहूंगा कि यदि आपमें जरा भी शर्म बची हो और जरा सा भी भारतीय संस्कृति के लिए सम्मान बचा हो तो अगले साल योग दिवस पर हो रहे आयोजनों में हिस्सा जरूर लें |
कुछ तथाकथित सेक्युलर राजनैतिक दल योग के विरोध को धर्मनिरपेक्षता से जोड़ देते हैं | उनके लिए मैं नीचे कुछ फोटो दिखा रहा हूँ ताकि वो भी देखें कि किस तरह मुसलमानों ने भी खुले दिल के साथ योग दिवस पर आयोजन करके एवं उनमें बढ़ी संख्या में हिस्सा लेकर इस देश की तथाकथित सेक्युलर नेताओं को मुंहतोड़ जवाब दिया |