जे एन यू में छात्रों द्वारा की गयी नारेबाजी का मुद्दा अभी भी गर्म है और ऐसे में एक और वीडियो सामने आया है जिस में कि एक प्रोफेसर निवेदिता मेमन ये कह रहीं हैं कि कश्मीर पर भारत ने गलत तरीके से कब्ज़ा किया हुआ है | ये वीडियो भगत सिंह क्रांति सेना नें अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है |
जब जे एन यू में कुछ प्रोफेसर ही ऐसी सोच फैला रहे हैं तो छात्र वहाँ क्या सीखेंगे ? जब इस देश के लोगों द्वारा कही गयी ये बातें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुनी कहीं जाएं तो क्या छवि बनेगी भारत की ? आखिर क्यों ये लोग कश्मीर मुद्दे पर भारत को कमजोर करना चाहते हैं ? ऐसे सभी लोगों की नियत एवं उद्देश्यों की पूरी जांच की जानी चाहिए और यह भी देखना चाहिए कि इस सब में भारत विरोधी विदेशी शक्तियों का कितना हाथ है |
मुझे लगता है कि यह सही समय है जब हमारी संसद और न्यायालयों को मिलकर अभिव्यक्ति की आज़ादी के नियम के बारे में साफ़ कर देना चाहिए कि देशविरोधी भाषण, नारेबाजी और आंदोलन अभिव्यक्ति की आज़ादी के दायरे से बाहर हैं और ये देशद्रोह के अंतर्गत आते हैं | यदि इस के लिए संविधान में किसी तरह के संसोधन की आवश्यकता है तो वो भी कर देना चाहिए |
वीडियो की लिंक इस लेख में नीचे है | कृपया उसे देखें और स्वयं फैसला करें कि ये अभियक्ति की आज़ादी है या देशद्रोह ?
वीडियो – साभार भगत सिंह क्रांति सेना के यूट्यूब चैनल से लिया गया है |