एन आई टी श्रीनगर से खबर आ रहीं हैं कि वहां पुलिस ने गैर-कश्मीरी छात्रों पर लाठी चार्ज किया है | एन आई टी श्रीनगर में कई कश्मीरी छात्रों द्वारा भारत और वेस्ट इंडीज मैच में भारत की हार का जश्न मनाने के बाद से वहां कश्मीरी एवं गैर-कश्मीरी छात्रों के बीच तनाव बना हुआ है | कश्मीरी छात्रों के इस प्रदर्शन के बाद वहां गैर कश्मीरी छात्रों ने भारत माता की जयकार के नारों के साथ कॉलेज कैंपस में तिरंगा फहरा दिया था |
एक छात्र के अनुसार जब वहां गैर कश्मीरी छात्रों ने कॉलेज के मुख्य द्वार से बाहर आकर मीडिया से बात करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज कर दिया और उनको बुरी तरह से पीट दिया | जबकि पुलिस के अनुसार उन्होंने कॉलेज के छात्रों को कैंपस से बाहर निकलने से रोकने के लिए हल्के लाठीचार्ज का ही प्रयोग किया |
जैसी की उम्मीद थी, हमारी मीडिया ने इसे भी एक छोटी न्यूज़ की तरह दिखा दिया | जे एन यू के देशद्रोह के आरोपियों पर हुई कार्रवाही पर दिन रात केंद्र सरकार का विरोध करने वाले पत्रकार एवं नेता इन देश के समर्थन में नारे लगाने वालों पर हुए लाठी चार्ज पर क्यों चुप हैं ? क्या इन लोगों के अनुसार अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ देशद्रोही नारेबाजी करना है, क्या देश के समर्थन में की गयी नारेबाजी अभिव्यक्ति की आज़ादी के दायरे में नहीं आती ? अगर आती है तो फिर मीडिया ने इस मुद्दे पर जे एन यू जैसा शोर क्यों नहीं मचाया ? जे एन यू में हुई देशद्रोही नारेबाजी के आरोपियों पर हुई कार्रवाही का विरोध करने वाले पत्रकार और नेता अब एन आई टी श्रीनगर के इन गैर-कश्मीरी छात्रों पर हुए अत्याचार पर क्यों चुप हैं ?