Thursday, November 21, 2024
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भारत में हिन्दू धर्म को विनाश से बचना है तो इस लेख को पढ़ें, समझें और शेयर करें

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भगवान श्री कृष्ण ने गीता में इतने उपदेश दिए लेकिन एक भी जगह ऐसा कोई जिक्र नहीं किया कि फलां जाति नीच है और फलां जाति ऊंची | न ही ऐसा कोई वर्णन रामायण या अन्य किसी धर्म ग्रन्थ में है | फिर यह सब बातें कहाँ से आयीं ?

कभी विदेशी शासकों के दवाब में तो कभी उनके द्वारा दिए गए इनाम के लालच में इतिहासकारों ने हिन्दू धर्म का इतिहास इतना गलत लिखा कि आज के हिन्दू इस जातिगत ऊंच नीच के बारे में यही सोच रखते हैं कि यह हिन्दू धर्म में शुरू से था | यह सब भेदभाव उंच नीच का झूठ विदेशी शासकों द्वारा हिंदुओं को आपस में लड़वाकर राज करने के लिए फैलाया गया था |

आज़ादी के बाद से ही यही खेल दलितों के कुछ तथाकथित हमदर्द नेताओं द्वारा खेला गया और आज भी खेला जा रहा है | इस देश पर ज्यादातर राज़ उन्हीं पार्टियों ने किया जो कि खुद को दलितों का सब से बड़ा हमदर्द बोलती हैं फिर आज भी दलितों का एक बड़ा वर्ग गरीब और पिछड़ा क्यों है ? आरक्षण की भी व्यवस्था की गयी लेकिन उस के बाद भी दलितों के एक बड़े वर्ग का हाल आज भी वही गरीबी से पीड़ित है | आरक्षण की व्यवस्था के असफल होने का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि जो लोग शुरुआत में इस व्यवस्था का लाभ उठाकर अच्छे बड़े सरकारी पदों पर पहुँच गए उन की आगे की सारी पीढ़ियां आगे भी सफल होती रहीं क्योंकि उनके बच्चों को बेहतरीन शिक्षा के अवसर मिले | लेकिन जो लोग शुरुआत में इस का लाभ नहीं ले पाए वो आज भी गरीबी से जूझ रहे हैं क्योंकि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा के आभाव में जिए और आज अपनी ही जाति के इन अमीर लोगों के बच्चो से हार गए |

ये गरीब दलित अपने इन तथाकथित हमदर्द नेताओं से अपने भले की उम्मीद लगाए बैठे हैं | लेकिन सत्य यही है कि ऐसा कोई भी नेता कभी नहीं चाहेगा कि ये गरीब दलित कभी विकास कि दौड़ में आगे रहे क्योंकि यदि ये आगे हो गए तो फिर ये नेता किस मुद्दे पर वोट मांगेंगे | सही नेता वही है जो बिना जाति की बात किये सभी के विकास की बात करे |

आज इस देश में भी बहुसंख्यक होने के बावजूद सिर्फ एक मजबूर धर्म बनता जा रहा है क्योंकि हिन्दू कुछ भी करे देश की तथाकथित सेक्युलर जमात उस का विरोध ही करती है और ऐसे दिखाती है जैसे कि हिन्दू धर्म से बुरा धर्म कोई और है ही नहीं | इस सेक्युलर जमात द्वारा हिन्दू धर्म के त्योहारों का विरोध किया जाता है, हिन्दू धर्म की मान्यताओं का मजाक बनाया जाता है, हिन्दू कुछ भी करे उस का विरोध किया जाता है और यह सब उस देश में होता है जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक हैं | ये लोग यह सब सिर्फ इसलिए कर पाते हैं क्योंकि इनको पता है कि हिन्दू संगठित नहीं है और आपस में ही लड़ रहा है | दुःख तब होता है जब मैं ऐसे सेक्युलर लोगों के पढ़े लिखे हिन्दू समर्थकों को भी उनका समर्थन करते देखता हूँ |

कई राज्यों में चुनाव आने वाले हैं और इसीलिए इन तथाकथित सेक्युलर लोगों द्वारा हिंदुओं को जातियों में तोड़ने का काम शुरू हो चुका है | कई जगहों से समाचार मिले कि वहां तथाकथित गौ रक्षकों द्वारा दलितों पर हमले किये गए | यह सब चुनाव का बिगुल फूंकने के पहले क्यों नहीं होता था ? अभी ही क्यों शुरू हुआ ? इन सब घटनाओं का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा जा रहा है | हिन्दू जब भी एक होकर वोट डालते हैं भाजपा जीत जाती है और जब भी हिन्दू जातियों में बिखरता है भाजपा हार जाती है | इस हालात में भाजपा जैसी पार्टी के सदस्य व समर्थक तो  ठीक चुनाव से पहले ऐसी कोई हरकतें करेंगे नहीं जिस से कि हिन्दू वोट बिखरे | इस आधार पर मैं तो यही कहूंगा कि यह सारे दलित विरोधी काण्ड भाजपा विरोधियों द्वारा किये जा रहे हैं और वो इस सब को सफलता पूर्वक अंजाम दे रहे हैं क्योंकि इन सभी दलित विरोधी कामों के बाद मैंने कई पढ़े लिखे दलितों को हिन्दू धर्म एवं भाजपा के विरोध में पोस्ट्स करते देखा है | हिंदुओं के बिखराव का फायदा किन पार्टियों को होगा और एकता का फायदा किस पार्टी को होगा यह भी आपको पता है |

हिन्दू पहले भी बहकावे में आया और हिन्दू आज भी बहकावे में है और इसी वजह से आज सिर्फ दो देश में ही बहुसंख्यक के तौर पर सीमित होकर रह गया | यदि आज भी हिन्दू नहीं सुधरा और संगठित न हुआ तो कोई बड़ी बात नहीं होगी कि यह धर्म एक दिन भारत से भी ख़त्म हो जायेगा क्योंकि हिंदुओं के बिखराव का फायदा धर्म परिवर्तन कराने वाली हिंदुत्व विरोधी गैंग बहुत बड़े स्तर पर उठा रहीं है |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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