आतंकी हेडली ने कबूला कि इशरत जहाँ भी एक आतंकवादी थी | इशरत जहाँ के नाम पर इस देश में बहुत राजनीति हुई है | कुछ नेताओं ने इसे शहीद तो कुछ ने इसे बिहार की बेटी तक बोल डाला | क्या अब वो सारे नेता इस देश से माफ़ी मांगेंगे और ये मानेंगे कि इशरत जहाँ एक आतंकवादी थी और अब तक इन नेताओं ने जो भी बोला वो गलत था ?
आखिर क्या गलत किया था इशरत जहाँ का एनकाउंटर करने वाले देश भक्तों ने, जो उन पर फ़र्ज़ी एनकाउंटर और भी न जाने क्या क्या आरोप लगाये गए ? अगर हम लोग इसी तरह अपने देशभक्त जवानों और जांच एजेंसियों पर शक करते रहे तो क्या ये उन का मनोबल नहीं गिराएगा ?
सिर्फ चुनावी फायदे और वोट बैंक की राजनीती के लिए कुछ नेताओं ने ऐसे आतंकवादी का एनकाउंटर गलत बता दिया और इस देश के कई लोग चल पड़े हमारी जांच एजेंसी और जवानों की नियत पर शक करने | में इस देश के लोगों और नेताओं से यही कहूँगा कि देश की सुरक्षा से सम्बंधित मामलों को कृपया राजनीति से दूर रखिये |
इस देश के कथित देशभक्तों से ज्यादा एकता तो उन लोगों में दिखाई देती है जिन्होंने कल जे एन यू में “पाकिस्तान जिंदाबाद” और “अफजल गुरु जिंदाबाद” के नारे लगाये | अगर वो लोग हमेशा एक रहकर इस देश के हालात ख़राब करने कि कोशिश कर सकते हैं तो हम लोग क्यों नहीं सारी राजनीति भूलकर एक हो कर इन लोगों का विरोध कर सकते हैं ?
जब बात देश की हो तो वहाँ सारे राजनैतिक मतभेद भूलकर सब को एक होकर देश के गद्दारों का सामना करना चाहिए | अगर कोई नेता आतंकी का हिमायती बनकर राजनीती करे तो उस नेता को भी वोट न दे कर उस की राजनीति खत्म कर देनी चाहिए |
उम्मीद करता हूँ कि आने वाले वक़्त में इस देश के देश भक्त लोग भी एक होंगे और सारी देश विरोधी ताकतों का एक होकर मुकाबला करेंगे |