जैसे ही चुनाव आते हैं अचानक से देश में ऐसे कई कांड होने लगते हैं जिस से कि हिन्दू वोट जातियों में टूटे एवं मुस्लिम वोट एक हो जाए | अब ऐसा होने से किस पार्टी को नुक्सान है और किन पार्टियों को फायदा ये बात सभी जानते हैं |
गुजरात में भाजपा को विकास के नाम पर कोई नहीं हरा सकता | तो एक नयी चाल, नया खेल शुरू हो गया | पहले पाटीदार समाज के लिए आरक्षण की मांग और उस पूरे मामले में अचानक से हार्दिक पटेल को मीडिया द्वारा हीरो बना दिया जाना, हार्दिक पटेल का आये दिन सिर्फ और सिर्फ मोदी जी एवं भाजपा पर जुबानी हमला करना, सभी मोदी विरोधी पार्टियों का हार्दिक पटेल को समर्थन देना | अब खबर आ रही है कि हार्दिक पटेल आम आदमी पार्टी ज्वाइन करेगा |
शायद मोदी विरोधी पार्टियों को अंदाज़ा लग गया कि सिर्फ पाटीदार समाज को भड़काने के इस काम से भाजपा को गुजरात में नहीं हराया जा सकता तो अब ये दलितों पर हमले हो गए | कोई पार्टी इस बात की तारीफ नहीं कर रही कि गुजरात सरकार ने इस मामले पर कड़ी कार्रवाही करते हुए अब तक कई लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है | बस मोदी विरोधियों की इस मुद्दे पर भी राजनीति चल रही है | राहुल गांधी जाकर इन दलित परिवारों से मिल आये, अब सुना कि अरविन्द केजरीवाल भी जा रहे हैं | अभी तो खैर वहाँ कई और भी बड़े नेता जल्द ही पहुंचेंगे और इस जगह को जल्द ही भाजपा विरोधी राजनैतिक टूरिस्ट प्लेस बनाने की कोशिश की जाएगी |
ऐसे ही खेल हरियाणा एवं राजस्थान में भी खेले गए | कुल मिलाकर इस सब का एक ही उद्देश्य है कि किसी भी तरह से भाजपा का हिंदुत्व वाला चेहरा धूमिल किया जाए, इसे सिर्फ सवर्णों की पार्टी साबित कर दी जाए और चुनावों को दलित बनाम सवर्ण, पिछड़ा बनाम अगड़ा, भाजपा बनाम मुस्लिम बना दिया जाए | खुद को दलित एवं पिछड़ों की पार्टियां बताने वाली ऐसी सभी पार्टियों से मैं पूछना चाहता हूँ कि आपकी पार्टी में कुछ ताकतवर परिवार विशेष के आलावा किस गरीब दलित या पिछड़े को बड़ा पद या मंत्रालय दिया गया ? क्या देश में सिर्फ मायावती, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, नितीश कुमार आदि एवं इनके रिश्तेदार ही दलित या पिछड़े हैं ? इन सभी पार्टियों ने अपने सर्वे सर्वा मुख्य परिवार के आलावा किस दलित या पिछड़े का भला कर दिया ? कांग्रेस ने इतने साल देश पर राज़ किया है, कितने दलित या पिछड़े नेताओं को प्रधानमंत्री बनाया ? स्वर्गीय सीताराम केसरी जी के साथ क्या व्यवहार किया था इस पार्टी ने वो भी सभी को पता है |
अब भाजपा में हम दलितों एवं पिछड़ी जाति का आंकलन करते हैं | मोदी जी एक अल्पसंख्यक पिछड़ी जाति के गरीब परिवार से हैं, आज वो देश के प्रधानमंत्री हैं और इस के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे और उस से भी पहले भाजपा एवं संघ में महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो कि भविष्य में मोदी जी के रिटायरमेंट लेने के बाद भाजपा में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के प्रबल दावेदारों में से एक हैं, वो भी पिछड़ी जाति के हैं | स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे जी समेत भाजपा में और भी कई ऐसे बड़े एवं चर्चित दलित एवं पिछड़ी जाति के नेता थे और हैं जिन्हें समय समय पर भाजपा ने महत्वपूर्ण पद एवं जिम्मेदारियां दी | ये सब उस पार्टी में हो रहा है जिस पर अन्य पार्टियों द्वारा हमेशा दलित एवं पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया जाता है | “हिन्दू हिन्दू एक रहे, भेदभाव अब नहीं सहें” यह नारा संघ एवं भाजपा ने मिलकर लगाया था और हिन्दुओं में जातियों के बिखराव को ख़त्म करने के लिए प्रयास किया था |
भाजपा से सभी पार्टियों की दुश्मनी का एक मुख्य कारण भाजपा एवं संघ द्वारा हिन्दुओं में जातियों के रूप में फैले बिखराव को दूर करने का प्रयास करना भी है | यदि हिन्दू जातियों का बिखराव ख़त्म करके एक हो गए तो जातियों की नाम पर बड़े बने कई नेताओं की तो राजनीति की दुकान ही बंद हो जाएगी | कौन पूछेगा उनको फिर ?
अब बात करते हैं मुसलमानों की | इस देश में मुसलमानों को हमेशा डराया जाता है कि यदि भाजपा सत्ता में आई तो मुसलमानों के साथ बहुत बुरा बर्ताव करेगी | भाजपा पहले भी केंद्र में रही और आज भी है, कई राज्यों में भाजपा की सरकार है, कहाँ मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है ? गुजरात दंगों की बात करने वाले गोधरा कांड को भी न भूलें | गुजरात दंगे गोधरा कांड के बाद हुए थे और गोधरा कांड में आरोपियों में एक भी भाजपा नेता का नाम नहीं है | मोदी जी पर लम्बे समय से गुजरात दंगों में शामिल होने के आरोप लगे लेकिन आज तक कुछ भी साबित नहीं हुआ | हाँ, यह गुजरात दंगा भाजपा विरोधियों को एक ऐसा मौका लेकर आया कि समय समय पर इसे गिना कर ये लोग मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ वोट डालने के लिए कहते हैं | हालाँकि यह बात अलग है कि गुजरात का मुसलमान भी भाजपा को वोट डाल रहा है | भाजपा ने गुजरात में कुछ तो ऐसे अच्छे विकास के कार्य किये होंगे कि गोधरा एवं गुजरात दंगों के बावजूद मुसलमान गुजरात में भाजपा के साथ जुड़ा |
कई नेताओं एवं राजनेतिक दलों का एक ही उद्देश्य रहता है कि हिन्दू जातियों के नाम पर आपस में लड़ते रहे और कभी संगठित न हो पाएं तथा मुसलमान हमेशा संगठित होकर भाजपा का विरोध करें | अपनी गन्दी राजनीति के लिए समाज में जाति एवं धर्म के नाम पर लोग आपस में लड़ते रहे और इस बिखराव का फायदा ये नेता चुनावों में उठाएं | भले ही यह बिखराव आने वाले समय में देश की एकता, अखण्डता एवं सुरक्षा के लिए कितना भी खतरनाक क्यों न हो |
देश इस समय एक बहुत ही निर्णायक मोड़ पर है | जनता को यह फैसला करना है कि संगठित रहकर देश को विकास की एक नयी ऊंचाई पर पहुंचाएं या फिर आपस में लड़ते रहे और इस देश के पाकिस्तान एवं अन्य ऐसे देशों जैसे ही हालात बना दें | इतिहास गवाह है, जिस देश की जनता देशविरोधी शक्तियों एवं समाज को तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ एक जुट नहीं हुई, वो देश या तो गुलाम बना या फिर उस के हालात लगातार ख़राब होते चले गए | पाकिस्तान इस का एक जीता जागता उदाहरण है |
मैं इस देश की जनता से यही निवेदन करूँगा कि आपस में संगठित होकर रहे, प्रेम से रहे, देशभक्त बनें और खुद से पहले देश के बारे में सोचें | तभी देश आगे बढ़ेगा और भारत एक बार फिर विश्वगुरु बनेगा |