जाकिर नाईक पर आये दिन एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं लेकिन देश की सेक्युलर मीडिया ने उन सभी खुलासों पर चुप्पी साधी हुई है | ये वही सेक्युलर मीडिया है जिस ने पूरे देश में घरवापसी अभियान पर घमासान मचा दिया था और विभिन्न हिन्दू संगठनों पर न जाने क्या क्या आरोप लगाए थे | लेकिन जब बात हिन्दू धर्म से किसी दूसरे धर्म में परिवर्तन की आती है तो इन सेक्युलर लोगों को सब कुछ ठीक लगता है और ये उस पर चुप्पी साधे रहते हैं |
सेकुलरिज्म का असली मतलब “सर्व धर्म सम भाव” है लेकिन इस देश में सेकुलरिज्म के नाम पर सिर्फ हिन्दू विरोधी घटिया राजनीति ही की जाती रही है | अब ऐसा करने वालों को फंडिंग कहाँ से आ रही है उस का भी धीरे धीरे खुलासा हो ही रहा है | कोई बड़ी बात नहीं होगी यदि आने वाले समय में हमें पता चले कि इन सभी तथाकथित सेक्युलर नेताओं, राजनीतिक पार्टियों एवं पत्रकारों की फंडिंग भी किसी न किसी ऐसी संस्था से हो रही है जो कि भारत में हिंदुओं को अन्य धर्मों में धर्मान्तरण के लिए उकसाना चाहती हैं |
जाकिर नाईक ऐसा कोई अकेला व्यक्ति नहीं है जिस पर यह आरोप लगा हो | कई राज्यों में गरीब, दलित, पिछड़े एवं आदिवासी हिंदुओं को कभी धन, कभी रोजगार तो कभी जबरन धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया जा रहा है | तथाकथित सेक्युलर नेता, पत्रकार, समाज सुधारक आदि इन सब मामलों पर चुप्पी साधे रहते हैं और इन संस्थाओं को अपना काम करने देते हैं लेकिन जैसे ही कोई हिन्दू संगठन, संघ या भाजपा इस सब का विरोध करते हैं इनको इन्टॉलरेन्स, साम्प्रदायिकता आदि दिखाई देने लगते हैं |
कई बार मैंने लोगों को ऐसे मैसेज शेयर करते देखे जिन में दलितों को यह कह कर भड़काया जाता है कि “जो धर्म तुम्हें नीच या दलित कहे तुम उस धर्म को लात मार दो” | एक सोची समझी साज़िश के तहत विदेशी शक्तियों के दवाब में लिखे गए झूठे इतिहास और हिन्दू धर्म ग्रंथों के गलत ट्रांसलेशन को हमारे समाज में कुछ इस तरह घोल कर पढ़ा दिया गया है कि अब सभी को लगता है कि भेदभाव, ऊंच नीच आदि कुरुतियां हिन्दू धर्म में शुरू से ही थीं | यदि ये सब सत्य होता तो किसी हिन्दू धर्मग्रन्थ में तो इन सब बातों का उल्लेख होता, कोई तो ऐसा ग्रन्थ होता जो कि हमें इस तरह के भेदभाव को करने की शिक्षा देता | गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कई बातों पर शिक्षा दी लेकिन उस में भी कहीं भी ऐसा नहीं कहा गया कि फलां जाति के लोग नीच होते हैं | न ही ऐसा कोई वर्णन अन्य किसी ग्रन्थ में है | सत्य तो यह है कि हिन्दू धर्म ने कभी किसी को नीच नहीं कहा और ऊंच नीच आदि कुरुतियां हिन्दू धर्म में थीं ही नहीं |
हिंदुओं को बार बार ऊंच नीच और जातियों की लड़ाई में झोंककर तोड़ा गया और इस बिखराव का उपयोग उन पर राज़ करने, धर्मान्तरण करने एवं अन्य देशविरोधी कामों के लिए किया गया | इस देश में जितने भी विदेशी शासक आये उन सब ने इस देश में फूट डालो और राज़ करो की रणनीति अपनायी और उस में काफी हद तक सफल भी रहे | इस देश का कटु सत्य यही है कि कोई भी तथाकथित सेक्युलर ताकत एवं भारत विरोधी ताकत यह नहीं चाहती कि हिन्दू एकता के साथ रहे | जितना हिन्दू टूटेगा, बिखरेगा उतनी ही ज्यादा इनकी दुकान चलेगी |
अब यहाँ सोचना हिंदुओं को है कि वो इस देश में पढाये जा रहे झूठे इतिहास पर विश्वाश करके आपस में जातियों के नाम पर लड़ते रहेंगे और ख़त्म हो जायेंगे या फिर अपने धर्मग्रंथों को पढ़कर, उनको समझकर आपस में एकता और प्रेम के साथ रहेंगे |
मैं सभी हिंदुओं से यही निवेदन करूँगा कि आप स्वयं अपने ग्रन्थ पढ़ें, जिस भाषा में वो लिखे गए हैं उस भाषा में पढ़ें न कि किसी लेखक के अनुवाद को | आप स्वयं अपने ग्रन्थ पढ़कर उन्हें समझें और उनका अनुसरण करें | एकता के साथ रहें, आपस में किसी भी तरह का कोई भेदभाव न रखें | और सबसे खास बात यह कि इस देश की तथाकथित सेक्युलर जमात से दूर रहें और उनकी बातें सुनना बंद करें |