मीडिया द्वारा फ़र्ज़ी ख़बरें दिखाया जाना वैसे तो आम बात ही हो गयी है | आये दिन किसी न किसी खबर के बारे में बाद में पता चलता है की वो गलत थी | पहले तो ये मीडिया हाउस गलत खबर दिखाते हैं फिर उन के गलत साबित होने पर किसी तरह की कोई माफ़ी भी नहीं मांगते | कुछ मीडिया हाउस खास तौर पर झूटी खबर फैलाते समय अति उत्साहित रहते हैं यदि वो खबर मोदी जी, केंद्र सरकार, भाजपा की किसी राज्य सरकार या किसी भाजपा नेता के खिलाफ हो |
मीडिया तो मीडिया कई नेता भी मौके का फायदा उठा कर इन गलत ख़बरों पर राजनीति कर लेते हैं और बाद में इन ख़बरों के गलत साबित होने पर भी न तो माफ़ी मांगते हैं और न ही सोशल साइट्स पर अपने मैसेज डिलीट करते हैं |
यह नया मामला है जिस में कि मीडिया द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि केंद्र सरकार ने सैनिकों की डिसेबिलिटी पेंशन को कम कर दिया है | मीडिया द्वारा यह खबर दिखाते ही सभी भाजपा विरोधी अति उत्साहित होकर मोदी सरकार को सेना का विरोधी घोषित करने में जुट गए | कई भाजपा विरोधी फेसबुक पेज एवं ट्विटर एकाउंट्स ने एक से बढ़कर एक पोस्ट लिख डाली |
मोदी सरकार ने इस मामले में सच जनता के सामने रखते हुए बताया कि यह खबर पूरी तरह से झूटी है | सच्चाई तो यह है कि इस पेंशन का लाभ पाने वाले लगभग ९०% लोगों की पेंशन को १४ – ३० % तक बढ़ा दिया गया है |
हर बार की तरह इस बार भी मीडिया ने अपने इस झूट पर न तो कोई सफाई दी न ही कोई माफ़ी मांगी | आये दिन केंद्र सरकार के बारे में जिस तरह की झूटी खबरें दिखायीं जातीं हैं उनको देखकर मैं तो केंद्र सरकार को यही सलाह दूंगा कि वो ऐसे सभी मीडिया हाउस के खिलाफ सख्त कार्रवाही करें ताकि आगे से ये लोग कभी झूटी खबरें दिखाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश न करें |