केंद्र सरकार ने अपने २ साल पूरे होने पर कई तरह के विज्ञापन कर रही है जिनमें विभिन्न जनहित की योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है और साथ ही अब तक के कामों का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने लाया जा रहा है | इन विज्ञापनों पर अरविन्द केजरीवाल ने सवाल उठाये |
पहले मैं बात करता हूँ कि दिल्ली कि राज्य सरकार के नाम पर किये जा रहे विज्ञापनों में और केंद्र सरकार के इन विज्ञापनों में क्या अंतर है |
दिल्ली की राज्य सरकार यदि अपने विज्ञापन दिल्ली में करे और अपने द्वारा किये गए जनहित के कामों एवं योजनाओं का प्रचार करे तो बात समझ में आती है कि वो अपने कामों का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड जनता दिल्ली की जनता को दे रहे हैं और साथ ही जनता को अपनी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं | लेकिन दिल्ली के अलावा अन्य किसी राज्य में अपनी योजनाओं के विज्ञापनों का क्या मतलब है ? दिल्ली राज्य का पैसा दिल्ली की जनता की भलाई के कामों में खर्च होना चाहिए | अब अन्य किसी राज्य की जनता को दिल्ली राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताने से दिल्ली की जनता का क्या भला होगा ? दिल्ली के अलावा अन्य किसी राज्य में विज्ञापन दिल्ली सरकार का नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी का विज्ञापन है जो कि भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखकर दिए जा रहे हैं | अब आम आदमी पार्टी के निजी प्रचार के लिए दिल्ली राज्य सरकार का पैसा खर्च करना तो एक बड़ा भ्रष्टाचार है और इस पर तुरंत रोक लगायी जानी चाहिए | यदि आम आदमी पार्टी अपना प्रचार करना चाहती है तो करे लेकिन पार्टी के पैसों से करे न कि दिल्ली की जनता के पैसों से |
अब बात करते हैं केंद्र सरकार के विज्ञापनों की | ये केंद्र सरकार है जिसके अधीन सारे राज्य आते हैं और सभी राज्यों की जनता को अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड देना और साथ ही केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं के बारे में बताना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है अतः उनके ये विज्ञापन दिल्ली की राज्य सरकार की तरह गलत तो बिलकुल भी नहीं हैं | लोकसभा के चुनावों में सभी राज्यों की जनता वोट डालती है और केंद्र सरकार क्या कर रही है क्या नहीं ये देखना और समझना सभी राज्यों की जनता के लिए आवश्यक है |
अब बात करते हैं कि इन दो सरकारों में किस सरकार द्वारा विज्ञापनों पर किया गया खर्च सही है और किस का गलत |
दिल्ली के बाहर के अन्य राज्यों में प्रचार पर यदि १ रुपया भी खर्च हुआ हो तो वो भी गलत है क्योंकि दिल्ली राज्य की जनता के उस १ रूपये को अन्य राज्यों में पार्टी के प्रचार के लिए खर्च करना भ्रष्टाचार है | आएदिन खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ दिखाने वाले केजरीवाल यहाँ एक तरह से खुले आम भ्रष्टाचार कर रहे हैं और उस पर भी बेशर्मी के साथ केंद्र सरकार के विज्ञापनों पर सवाल उठा रहे हैं | मैं यहाँ एक बात साफ़ करना चाहता हूँ कि मैं इनके दिल्ली राज्य के अंदर किये गए विज्ञापनों एवं रिपोर्ट कार्ड्स पर सवाल नहीं उठा रहा हूँ |
अब जो लोग केंद्र सरकार द्वारा विज्ञापनों पर खर्च किये जा रहे धन पर सवाल उठा रहे हैं जरा वो ये बताएं कि केंद्र सरकार यदि जनहित की हजारों अच्छी योजनाएं बना दे लेकिन जनता को उनके बारे में पता ही न हो तो फिर इन योजनाओं से जनता को क्या लाभ होगा ? अतः मेरी व्यक्तिगत राय में केंद्र सरकार द्वारा अपनी योजनाओं के बारे में विज्ञापनों के द्वारा बताना गलत नहीं है | अब बात करते हैं उन अन्य विज्ञापनों की जो कि अब तक के कामों के एक रिपोर्ट कार्ड की तरह हैं | इस रिपोर्ट कार्ड पर तो जनता को खुश होना चाहिए कि केंद्र में कोई तो ऐसी सरकार आई जो कि जनता को अपना रिपोर्ट कार्ड दे रही है और अपने किये वादों पर अब तक का स्टेटस दे रही है |
मेरी व्यक्तिगत राय में तो अरविन्द केजरीवाल अन्य राज्यों में विज्ञापनों के रूप में किया जा रहा उनका यह भ्रष्टाचार तुरंत बंद करना चाहिए और यह धन दिल्ली की जनता की भलाई के कामों में लगाना चाहिए |