आजकल राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश में चुनावी तैयारी के क्रम में किसान यात्रा कर रहे हैं जिसमें मोदी जी की चाय पर चर्चा के जवाबी कार्यक्रम में खाट पर चर्चा भी कर रहे हैं | पहले ही कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी द्वारा लाये गए लोग खाटें लूट ले गए जिस पर कांग्रेस की बहुत किरकिरी हुई | इसका लाइव शो देखने से स्पष्ट होता है कि वह लोग भाड़े पर लाये गए मजदूर किश्म के लोग थे | बचाव व डैमेज कंट्रोल में राहुल गाँधी बोले माल्या करोड़ों खाकर विदेश भाग गया इधर गरीब खाट ले गए तो तो लुटेरे कह रहे हैं | फिर दूसरे कार्यक्रम में कहतें लूटने का काम हुआ तो पुलिस ने लाठियाँ भांजी और जवाबी कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं और भाड़े पर लाये गए लोगों ने खाटें तोड़ीं | ये कांग्रेसी संस्कृति का लाइव शो था | राहुल गाँधी छोटे चोर, छोटे लुटेरे, गरीब अपराधी का बचाव कर रहे थे | अर्थात छोटे एवं गरीब अपराधी पर कार्रवाही तो दूर ऊँगली भी नहीं उठाना चाहिए | क्या गरीब अपराधी, मध्यम वर्गीय अपराधी, उच्च वर्गीय अपराधी, सवर्ण अपराधी, बैकवर्ड अपराधी, दलित-आदिवासी अपराधी जैसे वर्गीकरण होना चाहिए ? परंतु राहुल गाँधी एवं कांग्रेस के थिंकटैंक ने यह वर्गीकरण कर प्रारम्भ किया है जो देश में भविष्य में भयावह वातावरण पैदा कर सकता है |
कांशीराम व मायावती ने अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा के चलते जाति व वर्ण का खुला खेल खेला | आजादी के बाद से ही देश में धीरे धीरे सामाजिक समरसता दिनों दिन बढ़ती जा रही थी | विभिन्न जातियों व वर्णों में जो दूरियां पिछले एक हजार साल में बढ़ी थी वह घट रहीं थीं परंतु बहुजन समझ पार्टी का उदय नफरत की नींव पर ही हुआ | जिसके दुष्परिणाम से विभिन्न जातियों में दूरियाँ ही नहीं बल्कि कटुता भी बढ़ी | सबसे भयावह परिणाम यह हुआ कि भ्रष्टाचार, लूट, अपराध, दबंगई, इन सभी को जातीय लोगों का समर्थन मिलने लगा | बी. एस. पी. के कार्यकर्ता भ्रष्टाचार आदि के एक ही जुमला बोलते थे कि सवर्णों व सामर्थ्यवान पिछड़ों ने बहुत भ्रष्टाचार किया, अवैध कारोबार किया अब हमारे लोग कर रहे हैं तो इसमें बुराई क्या है ? आखिर हमारे लोग भी धनवान, सक्षम और दबंग हो रहे हैं | अब भ्रष्टाचार, अपराध, और लूट पर राहुल गाँधी और कांग्रेस का नया वर्गीकरण आ गया है |
आतंकवाद पर भी सेक्युलर पार्टियों, विचारकों, मीडिया से जुड़े लोगों ने भी एक जुमला निकाला था कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कोई मजहब नहीं होता | इसके द्वारा वह पाकिस्तान के द्वारा भारत में प्रायोजित आतंकवाद तथा भारत में रहने वाले अलगाववादियों का समर्थन करते रहे | कांग्रेस ने ऐसे ही एक अलगाववादी व आतंकवाद के जनक जाकिर नाइक से पचास लाख रुपया दान लिया था | बाबरी मस्जिद बचने के नाम पर अरब देशों से अरबों रुपया भारत आया जिसका भोग कई राजनैतिक पार्टियों, परिवारों, संस्थाओं व मीडिया ने जमकर किया | आखिर अपराध किसी भी प्रकार के हों उनका समर्थन करने के भी अनेकों लाभ हैं |
भाजपा व विश्व हिन्दू परिषद ने अनेकों यात्राएं निकालीं | भाजपा ने अभी अभी तिरंगा यात्रा निकाली और परिवर्तन यात्राएं निकालने की तैयारी है | कांग्रेस ने इन यात्राओं का महत्व समझा और नकल आरम्भ कर दी | इसी में अपने नाटक भी जोड़े जिसमें खाट पर चर्चा उलटी पड़ गयी | दलित के घर भोजन का दृश्य मिला जिसमें राहुल गाँधी कुर्सी पर और गुलाम नबी आजाद तथा एक और व्यक्ति खाट पर बैठे | भोजन कहाँ से आया यह सीक्रेट है | राहुल गाँधी, गुलाम नबी आजाद और वह दलित व्यक्ति जमीन पर या किसी अन्य जगह एक साथ बैठ कर भी भोजन कर सकते थे परंतु राहुल गाँधी बाकी लोगों से अलग बैठे | पहले वाले नाटक जिसमें दलित के घर भोजन, रात्रि विश्राम, लोटा लेकर फुल ड्रेस में खुले में शौंच में जाने की फोटोग्राफी का सच बाद में सामने आ गया था | इस घटना का भी सच सामने आ जायेगा |
इस यात्रा के मुद्दे में भी दम नहीं है | वही सूट-बूट वाली सरकार, पूंजीपतियों की सरकार, दलित विरोधी सरकार, उद्योगपतियों की सरकार, गरीब विरोधी सरकार, अल्पसंख्यक विरोधी सरकार, गाँधी को मारने वाले जैसे घिसे पिटे जुमलों पर भाषण व चर्चा की जा रही है | कोई विशेष मुद्दा है ही नहीं | हाँ एक उपलब्धि जरूर है कि राहुल गाँधी व उनके साथियों की मीडिया में चर्चा हो रही है और दिखाया भी जा रहा है | कश्मीर में प्रायोजित आतंकवाद व उपद्रव, पी. ओ. के. व बलूचिस्तान में होने वाले अन्याय व अत्याचार, चीन द्वारा निरंतर विस्तारवादी व भारत विरोधी प्रयासों पर मौन रहना अत्यंत शर्मनाक है |
खटिया लूटी, खटिया टूटी के बाद अब नया दृश्य लुटिया डूबी देखने को मिलेगा |