काफी दिन हो गए बुलंदशहर में हुए बलात्कार की खबर आये हुए | यदि राजनीति को हटा दिया जाए तो यह एक ऐसा मामला था जिस का सभी नेताओं, पत्रकारों समेत पूरे देश को एक सुर में विरोध करना चाहिए था, अपराधियों पर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाही की मांग करनी चाहिए थी और उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में उ. प्र. राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने चाहिए थे |
परंतु समय चुनाव का है और असहिष्णुता का ढिंढोरा पीटने वाले नेताओं और पार्टियों का और अवार्ड वापसी गैंग का ध्यान फिलहाल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति एवं मोदी विरोध में है | जिस मुद्दे पर वोट बैंक की राजनीति नहीं की जा सकती और मोदी विरोध नहीं किया जा सकता, उस मुद्दे में इन राजनीतिक दलों एवं नेताओं को कोई रूचि नहीं है |
अब बुलंदशहर में अपराध हिन्दू परिवार के साथ हुआ है और राजनैतिक दुर्भाग्यवश ये मामला ऐसा भी नहीं है कि इसे किसी तथाकथित हिन्दू संगठन द्वारा दलितों या मुस्लिमों पर किये गए अत्याचार की तरह पेश किया जा सके और न ही यह मामला किसी भाजपा शासित प्रदेश का है | इन सब वजहों से इस मामले में न तो असहिष्णुता का ढिंढोरा पीटने वाले नेताओं और पार्टियों को कोई रूचि है और न ही अवार्ड वापसी गैंग को |
बुलंदशहर में जो भी हुआ वो निंदनीय है | बलात्कार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए | बलात्कार एवं शारीरिक शोषण सभ्य समाज के नाम पर काला दाग है | लेकिन मुझे दुःख इस बात का है कि इस मुद्दे पर भी एक तरह से गन्दी राजनीति हुई और इस मामले का तथाकथित सभ्य समाज के एक वर्ग ने सिर्फ इसलिए विरोध नहीं किया क्योंकि इस में मोदी विरोध एवं भाजपा विरोध की राजनैतिक रोटियां नहीं सेंकी जा सकती हैं |
जनता को जागरूक होने की आवश्यकता है | वोट बैंक की गन्दी राजनीति करने वाले ऐसे सभी राजनैतिक दलों का विरोध करना चाहिए | याद रखें आज आप जाति / धर्म के नाम पर वोट देकर गलत लोगों को सत्ता में भेजेंगे तो कल बुलंदशहर जैसी घटनाएं हर शहर में होंगी | बुलंदशहर के मामले में पीड़ित महिलाओं को थोड़ी देर के लिए अपने परिवार की नजरों से देखिये तब आपको अहसास होगा कि कितना बड़ा अत्याचार हुआ है |