भारतीय मीडिया की इस देश में क्या छवि है ये आप सभी जानते हैं | लेकिन इनकी करनी से इनकी जो छवि अब भारत के बाहर बन रही है उस से इस देश के पत्रकारों को शायद कोई फर्क न पड़ता हो लेकिन एक जागरूक भारतीय होने के नाते मुझे दुःख जरूर होता है |
पहले नेपाल में आये भूकम्प के बाद भारतीय मीडिया के गैरजिम्मेदाराना सवालों और न्यूज़ से तंग आकर नेपाल के लोगों ने भारतीय मीडिया का विरोध किया और अब पाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी मीडिया को भारतीय मीडिया का अनुसरण न करने के लिए नोटिस जारी किया |
कई भारतीय पत्रकार एवं न्यूज़ एजेंसियां जिस तरह से न्यूज़ को तोड़मरोड़कर दिखाते हैं उस के बारे में सभी को पता है | ऐसे लोग दिन रात हर एक न्यूज़ को दिखाने के पहले यही आंकलन करते हैं कि किस तरह से ये न्यूज़ इस पार्टी के खिलाफ और उस पार्टी के पक्ष में दिखाई जाये | किस तरह से एक मुद्दे को बहुत बड़ा बना दिया जाये और दूसरे मुद्दे को बिलकुल छोटा | उदाहरण के लिए आजकल कुछ न्यूज़ एजेंसियों के लिए डॉ नारंग की हत्या एवं बिहार में जलाए गए दलितों के १२५ घरों से ज्यादा इस विषय पर न्यूज़ दिखाना जरुरी लग रहा है कि एक फिल्म स्टार की बेटी ने बिकनी में फोटो क्यों निकलवाईं, एक क्रिकेटर का उसकी पूर्व गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप क्यों हुआ, एक फिल्म एक्टर का उसकी पत्नी से तलाक क्यों हुआ आदि (आप सोशल साइट्स एवं इनकी वेबसाइट पर जाकर इस की पुष्टि कर सकते हैं ) | टी आर पी के लिए किसी की भी व्यक्तिगत ज़िन्दगी में भी दखल देने से कोई परहेज़ नहीं है | हद है |
अब तो ये चुनाव के पहले के ओपिनियन पोल भी इन पत्रकारों एवं न्यूज़ एजेंसियों की वजह से खतरनाक बन चुके हैं | किस पार्टी के पक्ष में माहौल बनना है और किस के विरोध में, इस काम में ये ओपिनियन पोल बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं | अब यदि आए दिन कोई वोटर यही देखेगा कि ओपिनियन पोल के हिसाब से ये पार्टी जीतने वाली है और वो पार्टी हारने वाली है तो इसका असर उस व्यक्ति के वोट पर भी पड़ेगा ही | जनता में ये सोच आने ही लगती है कि हारने वाली पार्टी को वोट देने से अच्छा है कि जीतने वाली पार्टी को ही वोट दो, नहीं तो कल सरकार बनाने के बाद कहीं उन के नेता हमारे क्षेत्र में हारने की वजह से उस को अनदेखा न करने लगें |
इस देश में जनता के बीच शांति, प्रेम और एकता बनाए रखने का एक ही तरीका है कि ऐसे सभी न्यूज़ चैनल, पेपर और पत्रकारों को देखना और सुनना बंद कर दें | इनके द्वारा फैलाई जा रहीं अफवाहों पर ध्यान न दें | किसी भी मुद्दे पर अपनी राय बनाने के पहले अच्छे से उस पर विचार करें |