अब तक सुनते थे कि चीन द्वारा पाकिस्तान की मदद एवं चीन प्रायोजित नक्सल आतंकवाद का भारत विरोध करता था और चीन इस विरोध के बावजूद इन भारत विरोधी ताकतों को समर्थन करता था | अब हालात बदल रहे हैं, देश बदल रहा है | चीन अपनी शक्ति और असर को बढ़ाने की निरन्तर कोशिश कर रहा है | इसी कोशिश में कई भारत विरोधी कामों में भी जुटा हुआ है |
पिछले ५ साल से वियतनाम भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता था लेकिन चीन के दवाब में यू पी ऐ सरकार ने कभी इस सौदे के लिए हाँ नहीं की | लेकिन मोदी सरकार ने चीन के कड़े रुख के बाद भी इस सौदे के लिए हाँ कर दी | चीन को अब उसी की भाषा में ही समझाया जा सकता है और मौजूदा सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाये भी हैं | जैसे कि चीन द्वारा बनायीं जा रही बंदरगाहों की चैन को तोड़कर कुछ बंदरगाहों पर भारत का असर बढ़ाना हो या फिर घटिया किश्म के चीनी दूध के उत्पाद एवं मोबाइल को बैन करना हो या फिर उन देशों को भारत का दोस्त बनाना हो जो कि या तो चीन के विरोधी हैं या फिर वो हैं जिन्हें चीन भारत के खिलाफ करके अपना दोस्त बनाना चाह रहा था | अन्य कुछ और ऐसे फैसले भी किये गए हैं जिनसे चीन को भारत की नयी ताकत एवं विदेशनीति का असर समझ में आये |