एक के बाद एक मामलों में कांग्रेस की नियत व करनी की पोल खुलती जा रही है | लेकिन यह मामला कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी साजिशों में से एक है | कुछ लोग इस साजिश को सिर्फ हिन्दू विरोध और वोटबैंक की राजनीति मान रहे हैं लेकिन यह उस से भी कहीं आगे का षड्यंत्र है | भारत पाकिस्तान और चीन द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार काफी पहले से रहा है | अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान और चीन को बेनकाब करने की जगह यह अफवाह फैलाना कि भारत में हिन्दू संगठन ही आतंकवाद फैला रहे हैं, सीधे तौर पर देशद्रोह तो था ही साथ ही आतंकवाद के विरोध में भारत का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पक्ष कमजोर बनाने वाला कदम और साजिश का हिस्सा भी था |
जिस सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान और चीन को बेनकाब करना चाहिए था और इनका विरोध करना चाहिए था, उस ने विश्व में भारत कि यह छवि बना दी कि भारत तो अपनी धरती पर ही बहुसंख्यक हिन्दुओं द्वारा किये जा रहे आतंकवाद का शिकार है | इस का सबसे बड़ा फायदा पाकिस्तान को हुआ जिसने कई बार भगवा आतंकवाद का जिक्र करके खुद को बेकसूर बताया और कहा कि अब तक भारत हिन्दुओं द्वारा किये जा रहे आतंकवाद का दोष पाकिस्तान पर मड़ रहा था |
इसी पार्टी के नेताओं ने बटला हाउस मामले में की गयी कार्रवाही का विरोध किया, इशरत जहाँ को मासूम बताया और उसके एनकाउंटर को मुस्लिमों पर होने वाला जुल्म बताया, गोधरा काण्ड को एक सुनियोजित आतंकी साजिश की जगह हादसा बताया, २६/११ आर एस एस की साजिश नाम की एक किताब के विमोचन में भी शामिल हुए, जे एन यू में हुई भारत विरोधी नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन किया |
सिर्फ वोटबैंक की राजनीति एवं भाजपा / मोदी / हिन्दू विरोध के लिए यह लोग इतने बड़े देशद्रोह के लिए भी तैयार हो गए | ऐसी पार्टी एवं ऐसे नेताओं का बहिस्कार अत्यन्त आवश्यक है | यदि इस सब के बाद भी यह पार्टी कोई चुनाव जीतती है तो फिर यह इस देश व इस देश की जनता के लिए अत्यन्त शर्म की बात होगी |