Monday, November 25, 2024
HomePoliticsऊना मामले के विरोध में बीफ फेस्टिवल करना उन नकली गौरक्षकों की...

ऊना मामले के विरोध में बीफ फेस्टिवल करना उन नकली गौरक्षकों की साज़िश को सफल बनाना ही है

- Advertisement -

कर्नाटक में प्रशासन द्वारा अनुमति न मिलने के बावजूद कर्नाटक दलित वेलफेयर ट्रस्ट ने एक बीफ फेस्टिवल में बीफ खाकर कुछ लोगों ने ऊना में तथाकथित गौरक्षकों द्वारा दलितों की की गयी पिटाई का विरोध किया | हालाँकि बाद में पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी की |

अब ऊना मामले में कुछ ऐसे सबूत सामने आने लगे हैं जिन से काफी हद तक यह साफ़ है कि यह सब खेल कांग्रेस के इशारे पर हुआ था और इन नकली गौरक्षकों का किसी भी हिन्दू संगठन या गौरक्षक संगठन से कोई सम्बन्ध नहीं था | मैंने अपनी एक पिछली पोस्ट में पहले ही शक जाहिर किया था कि यह सब भाजपा विरोधी पार्टियों द्वारा हिंदुओं को आपस में लड़ाकर उनके जातियों के बिखराव का चुनाव में लाभ लेने के लिए किया गया है |

इन तथाकथित गौरक्षकों के विरोध जरूर कीजिये लेकिन हिन्दू धर्म का विरोध क्यों करना है ? गौ हत्या करना या बीफ खाना तो इन नकली गौरक्षकों की साज़िश को सफल बनाना है और इस विरोध हिन्दू धर्म का होगा न कि इन नकली गौरक्षकों का |

इन तथाकथित गौरक्षकों ने जो भी कुछ किया वो पूरी तरह से गन्दी राजनीति से प्रेरित था और उसका हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं था | यह पूरी साज़िश ही दलितों को हिन्दू धर्म की अन्य जातियों के खिलाफ भड़काने की थी और इस बीफ फेस्टिवल ने काफी हद तक उनकी यह साज़िश सफल भी कर दी |

इस देश में पहले विदेशी शासकों ने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाकर हिंदुओं को आपस में लड़ाया और इस फूट का फायदा उठाया | फिर आज़ादी के बाद कई तथाकथित दलित समर्थक नेताओं ने तथा कई धर्म परिवर्तन कराने वाले हिंदुत्व विरोधी संगठनों ने भी वही किया | दुःख की बात यह है कि कई हिन्दू तब भी ऐसे षड्यंत्रकारियों की बातों में आ गए और आज भी आ रहे हैं | पता नहीं क्यों ऐसे लोग अपने पूर्वजों की गलतियों से कुछ भी सीखने के लिए तैयार नहीं हैं |

हिन्दू धर्म आज इस देश में बहुसंख्यक होने के बावजूद भी सिर्फ एक मजबूर धर्म बनता जा रहा है क्योंकि हिन्दू कुछ भी करे देश की तथाकथित सेक्युलर जमात उस का विरोध ही करती है और ऐसे दिखाती है जैसे कि हिन्दू धर्म से बुरा धर्म कोई और है ही नहीं | इस सेक्युलर जमात द्वारा हिन्दू धर्म के त्योहारों का विरोध किया जाता है, हिन्दू धर्म की मान्यताओं का मजाक बनाया जाता है, हिन्दू कुछ भी करे उस का विरोध किया जाता है और यह सब उस देश में होता है जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक हैं | ये लोग यह सब सिर्फ इसलिए कर पाते हैं क्योंकि इनको पता है कि हिन्दू संगठित नहीं है और आपस में ही लड़ रहा है | दुःख तब होता है जब मैं ऐसे सेक्युलर लोगों के पढ़े लिखे हिन्दू समर्थकों को भी उनका समर्थन करते देखता हूँ |

कई राज्यों में चुनाव आने वाले हैं और इसीलिए इन तथाकथित सेक्युलर लोगों द्वारा हिंदुओं को जातियों में तोड़ने का काम शुरू हो चुका है | नकली गौ रक्षकों द्वारा दलितों पर हमले किये गए | यह सब चुनाव का बिगुल फूंकने के पहले क्यों नहीं होता था ? अभी ही क्यों शुरू हुआ ? इन सब घटनाओं का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा जा रहा है | हिन्दू जब भी एक होकर वोट डालते हैं भाजपा जीत जाती है और जब भी हिन्दू जातियों में बिखरता है भाजपा हार जाती है, यह सत्य आप सभी को अच्छे से पता है | इसीलिए हिंदुओं को तोड़ने के ऐसे षड्यंत्र हर चुनाव के पहले शुरू कर दिए जाते हैं | अब यहाँ कोई भी समझदार व्यक्ति यह बात समझ सकता है कि भाजपा यही चाहेगी कि हिन्दू संगठित रहे और जातियों ने नाम पर न बिखरें और इसलिए दलितों पर हुए इस हमले में भाजपा का हाथ हो ही नहीं सकता |

हिन्दू पहले भी बहकावे में आया और हिन्दू आज भी बहकावे में है और इसी वजह से आज सिर्फ दो देश में ही बहुसंख्यक के तौर पर सीमित होकर रह गया | यदि आज भी हिन्दू नहीं सुधरा और संगठित न हुआ तो कोई बड़ी बात नहीं होगी कि यह धर्म एक दिन भारत से भी ख़त्म हो जायेगा क्योंकि हिंदुओं के बिखराव का फायदा धर्म परिवर्तन कराने वाली हिंदुत्व विरोधी गैंग बहुत बड़े स्तर पर उठा रहीं है |

- Advertisement -
Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular