सुना हार्दिक पटेल के संगठन पाटीदार अनामत आंदोलन समिति द्वारा बुलाई गयी महापंचायत वहां लोगों के ना पहुँचने की वजह से रद्द कर दी गयी | हार्दिक पटेल को अचानक से एक समय क्रांति की नयी आवाज बना देने वाली मीडिया अब हार्दिक को भूल गयी है |
यही हाल अब आजकल तृप्ति देसाई है | उन का भी कहीं कोई ज़िक्र नहीं हो रहा | जब तक तृप्ति देसाई हिन्दू मंदिरों पर चढ़ाई किये हुए थी तब तक वो महिला उत्थान की नायिका थी और जैसे ही हाजी अली मामला आया उन को भी मीडिया ने पूछना बंद कर दिया |
ऐसा ही कुछ अवार्ड वापसी गैंग का हाल है | इनमें से ज्यादातर लोगों को अवार्ड कब मिला ये शायद देश में बहुत कम ही लोगों को पता चला होगा लेकिन इन लोगों ने अवार्ड कब वापस किया ये सब को पता चल गया | इनके अवार्ड वापस करने को मीडिया एवं नेताओं ने एक नयी क्रांति का नाम देकर खूब उछाला और अपना मतलब पूरा होते ही इस गैंग का भी अब कुछ अता पता नहीं है | सुना जोश में अवार्ड एवं धनराशि का चेक लौटने वाले इस गैंग के कुछ सदस्यों के चेक बाउंस हो गए और कुछ सदस्यों ने केंद्र सरकार या अवार्ड देने वाली सम्बंधित संस्थाओं से चेक कैश न कराने की अपील भी की है | लेकिन अब इन लोगों को क्रन्तिकारी बनाने वाले मीडिया और नेताओं को इनमें कोई दिलचस्पी नहीं है | हाँ, अगर दुबारा कभी इनकी इस क्रांति की आवश्यकता पड़ी तो जरूर फिर इनको याद किया जायेगा |
यही हाल कुछ समय बाद कन्हैया कुमार का होना है | ये सब लोग एक खास नेता और धर्म के खिलाफ बोलने के कारण अचानक से रातों रात बड़े नाम बना दिए गए और अपना मतलब पूरा होते ही नेताओं और मीडिया ने इनको वापस उसी स्थान पर पहुंचा दिया जहाँ इनको होना चाहिए था | हाँ, कन्हैया कुमार ने इन सब से एक कदम आगे बढ़कर देशद्रोह की आरोप की डिग्री ले ली है तो हो सकता है उस का राजनैतिक भविष्य इन सब लोगों से ज्यादा लम्बा रहे क्योंकि इस देश में देशविरोधी बातें एवं काम करने वालों को सर पर बैठाने का रिवाज काफी समय से चला आ रहा है | अगर देश में ऐसे लोग नहीं होते तो इतने सालों तक इतने बड़े देश को कोई कैसे गुलाम बना कर रख सकता था |
इन सब चक्करों में कौन बेवकूफ बना ? अवार्ड वापसी गैंग, हार्दिक पटेल, तृप्ति देसाई, कन्हैया कुमार और इनको बड़ा बनाने वाले नेता और मीडिया तो बिलकुल भी नहीं बने | बेवकूफ वो बने जो इन नेताओं और मीडिया की बातों में आकर ऐसे लोगों को क्रन्तिकारी मान बैठे एवं इनकी कही बेमतलब की बातों का समर्थन करने लगे | यदि ऐसे लोग सुधरे नहीं तो ये सब यहाँ नहीं रुकेगा | अभी तो कई और अवार्ड वापसी गैंग, हार्दिक, तृप्ति और कन्हैया जैसे लोग ऐसे नेताओं एवं मीडिया द्वारा पैदा किये जायेंगे और क्रन्तिकारी बनाए जाएंगे | अब जनता को तय करना है कि वो ऐसे लोगों की बातों में आकर बेवकूफ बनेगी या सोच समझ कर सही फैसला करेगी |