संसद की कार्रवाही में हर रोज करीब २ करोड़ रुपये खर्च होते हैं | यानि कि संसद में काम न हो तो रोज करीब २ करोड़ रुपये का नुकसान | अब आप अंदाजा लगाईये कि संसद के पिछले सत्र न चलने की वजह से जनता की मेहनत की कमाई से भरे हुए टैक्स से कितना पैसा बिना कुछ काम हुए ही खर्च हो गया होगा और आगे और कितना बर्बाद होगा |
रेल बजट और आम बजट के दिन संसद चलना संवेधानिक मजबूरी है तो इन दो दिन तो संसद चल गयी लेकिन जिस तरह के तेवर कुछ विपक्षी दलों ने बनाये हुए हैं उनको देखकर लगता तो यही है कि बाकी सभी दिन संसद में राजनैतिक दल बस अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहेंगे और जनता की भलाई का कोई काम नहीं होने वाला |
आखिर हम अपने सांसद किसलिए चुनते हैं ? जनता की समस्यायों पर संसद में चर्चा कर के उन के निवारण के लिए प्रयास करने के लिए या फिर हमारी मेहनत की कमाई से भरे हुए टैक्स से रोज २ करोड़ रुपये बर्बाद करने के लिए ?
आज संसद न चलने देने वाले कई नेताओं के समर्थक उन के इस काम का समर्थन करते हुए मिल जायेंगे | कई बिना मतलब के तर्क देंगे कि संसद इस वजह से नहीं चल रही या उस वजह से नहीं चल रही और ये संसद का न चलना जनता के लिए अच्छा है | लेकिन हम ऐसे सभी नेताओं और उन के समर्थकों से ये पूछना चाहते हैं कि इस सब में जनता के पैसे की जो बर्बादी हुई उस की जिम्मेदारी कौन लेगा ?
अगर आप को जनता के भले की इतनी चिंता है तो सभी सांसद आपस में मिलकर ये कानून क्यों नहीं पास कर देते कि यदि कोई नेता/पार्टी संसद नहीं चलने देगा तो उस दिन का हुआ नुकसान वो नेता/पार्टी अपनी जेब से भरेंगे | आप की गन्दी विकास विरोधी राजनीति के लिए जनता क्यों नुकसान झेले ?
जनता की भलाई के लिए बने कितने अहम बिल सिर्फ संसद न चलने की वजह से रुके हुए हैं | अगर वो बिल पास हो गए होते तो अब तक शायद उन के अच्छे परिणाम भी दिखाई देना शुरू हो गए होते |
हम जानते हैं कि ये बिल पास होने के बाद अगर अच्छे परिणाम देंगे तो उनका फायदा अगले चुनावों में सत्ताधारी पार्टी यानि कि भाजपा और उस के सहयोगियों को होगा | क्या सिर्फ यही वजह है संसद न चलने देने की ? अगर किसी राजनैतिक दल को सरकार की किसी नीति से समस्या है तो वो समस्या संसद में चर्चा करके ही सुलझाई जा सकती है | संसद के न चलने से और उस पर किसी तरह की कोई चर्चा न करके तो वो कभी हल नहीं होने वाली |
खैर अब हमें लगता है कि ऐसे सभी गैरजिम्मेदार नेताओं को सबक सीखने का समय आ गया है | हम जनता से हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि आगे से वोट सिर्फ उसे दीजिये जो आप के भले के लिए ईमानदारी से काम करे | सारे काम रोककर बस जनता का नुकसान करने वालो को वोट मत दीजिये | कृपया जाति और धर्म के नाम पर वोट देना अब बंद कर दीजिये | कहीं ऐसा न हो कि आपकी गलतियों की वजह से आपकी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद हो जाये |