लगभग हर एक आतंकी हमले के बाद हमारे देश की तथाकथित सेक्युलर जमात जोर जोर से नारा लगाती है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता | हालाँकि उनकी यह सोच भगवा आतंकवाद या हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करते समय बदल जाती है | जब भी सेना, सरकार, जांच एजेंसियां या न्यायालय आतंकवादियों या आतंकवादी घटनाओं एवं साजिशों के आरोपियों पर कोई कार्रवाही या जांच करना शुरू करते हैं तो तुरंत यही सेक्युलर लोग इस कार्रवाही को मुस्लिमों पर होने वाला अत्याचार बताने लगते हैं | आतंकवादी घटनाओं एवं साजिशों के आरोपी भी इनकी हाँ में हाँ मिलाते हुए गाने लगते हैं कि उनको इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वो मुसलमान हैं | और फिर इस देश में एक हवा बनाने की कोशिश की जाती है कि इस देश की सरकार, सेना, जांच एजेंसियां, न्यायालय सब मिलकर मुसलमानों के खिलाफ कोई षड्यंत्र कर रहे हैं |
इसी कड़ी में नया मामला है जाकिर नाइक का | इसने भी यही नारा लगा दिया कि उसको मुसलमान होने की वजह से परेशान किया जा रहा है | कुछ तथाकथित सेक्युलर ताकतें भी जुट गयीं जाकिर नाइक के खिलाफ चल रही इस पूरी जांच एवं कार्रवाही को संदेहास्पद साबित करने में | गृहमंत्रालय ने इस तरह धर्म का नाम लेकर अपना बचाव करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी एवं लोगों को ऐसा न करने की चेतावनी दी | केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने भी सरकार रुख साफ़ करते हुए कह दिया कि जाकिर नाइक के इस बयान से उसके खिलाफ चल रही जांच एवं कार्रवाही पर कोई असर नहीं होगा |
ज्यादा पीछे न जाएँ तो पिछले कुछ सालों में ही ऐसी कई घटनाएं हुईं | कई तथाकथित धर्मनिरपेक्षता, शांति एवं अहिंसा के दूतों ने अफजल गुरु, कसाब, याकूब मेनन की फांसी का विरोध किया, इशरत जहाँ एवं बाटला एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताया तथा इन में मारे गए आतंकियों को भी बेगुनाह साबित करने की कोशिश की, जे एन यू में हुई देशदोर्ही नारेबाजी के आरोपियों का बचाव किया एवं सरकार की कार्रवाही का विरोध किया, बुरहान वानी के एनकाउंटर को एक मासूम कश्मीरी मुसलमान की हत्या की तरह पेश किया और बुरहान वानी की छवि किसी शहीद की बनाने का प्रयास किया, कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल का विरोध किया, इनको सेना की कार्रवाही में मारे गए आतंकी तो दिखाई देते हैं लेकिन आतंकी हमलों में शहीद हुए सैनिक नहीं दिखाई देते | कांग्रेस के एक नेता ने तो यहाँ तक कह दिया था कि बाटला एनकाउंटर के बारे में सुनकर सोनिया गाँधी रो दीं थी | हालाँकि किसी सैनिक के शहीद होने पर सोनिया गाँधी के रोने की अब तक कोई खबर नहीं आयी है | इशरत जहाँ को भी बिहार की बेटी बना दिया गया था | अब जाकिर नाइक के मामले में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है और कुछ लोग जुट गए हैं जाकिर नाइक को मसीह साबित करने में | बिहार में बाहुबली नेता एवं कई हत्याओं के मामले में सजा काट रहे सहाबुद्दीन की रिहाई पर भी ऐसा जश्न मनाया गया जैसे कि कोई महान क्रन्तिकारी जेल से छूट कर आया हो |
व्यक्तिगत तौर पर मैं भी मानता हूँ कि सारे मुसलमान आतंकवादी नहीं हैं और हर एक मुसलमान को आतंकी बताना एवं मानना गलत है | लेकिन आतंकी को मुसलमान होने की वजह से उसका समर्थन एवं बचाव करने वालों के मैं सख्त खिलाफ हूँ | आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाही होनी चाहिए और जो लोग इस कार्रवाही को मुसलमानों पर अत्याचार बताते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाही की जानी चाहिए और साथ ही इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि आतंकी के बचाव में उतरे इन लोगों की फंडिंग कहीं किसी आतंकी संगठन या अन्य भारत विरोधी ताकत द्वारा तो नहीं की जा रही है |
मौजूदा केंद्र सरकार ने तो अपना रुख साफ़ कर दिया है कि वो आतंकवादियों एवं उनके बचाव करने वालों के खिलाफ हैं और आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाही जारी रहेगी | मेरी राय में अब जनता को भी अपना रुख साफ़ करना चाहिए | आतंकियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाही का विरोध करने वाले नेताओं एवं पत्रकारों का अब जनता को खुल के विरोध करना चाहिए | ऐसे लोगों को न तो जनता का वोट मिलना चाहिए और ऐसे पत्रकारों एवं न्यूज़ एजेंसियों को टी आर पी | जनता को फैसला करना है कि वो जाति और धर्म के नाम पर ऐसे हीं इन देशद्रोही ताकतों को जीतकर शक्तिशाली बनाती रहेगी या इनका विरोध करके अपनी देशभक्ति का प्रदर्धन करेगी |