Saturday, November 23, 2024
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मीडिया का आतंकी की मौत पर दुःख जताना और उसे हीरो बनाना देशद्रोह नहीं तो और क्या है ?

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आतंकियों को आतंकी की जगह भटके हुए नौजवान और मासूम बोलने का रिवाज़ हमारे देश के कई पत्रकारों ने काफी समय से चला रखा है | हालाँकि यह रिवाज़ हिन्दू या भगवा आतंक जैसे झूठ बोलते समय भुला दिया जाता है | कश्मीर में आतंकी बुरहान की मौत पर देश में खुशियां मनाई जानी चाहिए थी और सेना का उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए था | जनता का एक बड़ा हिस्सा वह कर भी रहा है | परन्तु कुछ पत्रकारों, न्यूज़ एजेंसियों, नेताओं एवं इनके समर्थकों ने इस मामले में जिस तरह से लिखा या बोला उसको देखकर तो यही लगता है कि ये लोग इस आतंकी की मौत से बहुत ज्यादा दुखी हैं और यह आतंकी कोई इनका अपना सगा सम्बन्धी था | कुछ न्यूज़ एजेंसियों ने तो आतंकी बुरहान की शवयात्रा का इतना ज्यादा गुणगान किया जैसे कि इनका अपना बेटा मर गया हो |

हालाँकि इनकी भावनाएं आये दिन होने वाली मुठभेड़ों में शहीद हुए सेना के जवानों पर लिखते समय मर सी जातीं हैं और इनको इन शहीदों में कोई हीरो नहीं दिखाई देता | बरखा दत्त ने ट्विटर में आतंकी बुरहान के मामले में लिखते समय यह भी पता करके बता दिया कि इस आतंकी का पिता एक स्कूल टीचर था | क्या बरखा ने कभी किसी शहीद के परिवार बारे में इस तरह से रिपोर्टिंग की है ? इंडियन एक्सप्रेस ने अपने फेसबुक पेज पर अपनी बैकग्राउंड इमेज में आतंकी बुरहान की शवयात्रा की फोटो लगा दी | क्या ये किसी महान इंसान की शवयात्रा थी जो इंडियन एक्सप्रेस ने इस तरह यह फोटो फेसबुक पर लगायी ? कई और रिपोर्टर्स ने भी इसी तरह आतंकी बुरहान को मासूम, भटका हुआ नौजवान आदि साबित करने वाले मिलते जुलते बयान दिए | अब मुझे ऐसे हर एक पत्रकार, न्यूज़ एजेंसियों एवं नेताओं के नाम यहाँ लिखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब पूरा देश जानता है कि इस तरह के बयान देने वाले लोग कौन हैं |

मेरी व्यक्तिगत राय में तो अब कोई सख्त कानून बनाया जाना चाहिए जिसमें कि आतंकियों को हीरो एवं मासूम की तरह पेश करने वाले सभी लोगों पर देशद्रोह की धाराओं के तहत कार्रवाही हो | जब तक इस तरह की कड़ी कार्रवाही नहीं की जाएगी ये लोग इसी तरह आतंकियों की मौत पर आंसू बहाते रहेंगे |

केंद्र सरकार ने जिस तरह जे एन यू मामले में सही समय पर सही कदम उठाते हुए देशद्रोही नारेबाजी के आरोपियों पर देशद्रोह का केस लगाया था ठीक उसी तरह अब सरकार को आतंकियों के हमदर्द बने ऐसे सभी पत्रकारों, न्यूज़ एजेंसियों एवं नेताओं पर भी केस लगाने चाहिए |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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