टाइम्स ग्रुप के न्यूज़ पेपर में छपे एक नए खुलासे में पता चला कि पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड एवं आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सदस्य शाहिद लतीफ़ को यू पी ए सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश बताकर २०१० में जेल से रिहा किया था | इस खबर के अनुसार शाहिद लतीफ़, जो कि भारतीय जेल में आतंकवाद के आरोप में ११ साल से जेल में बंद था, उसे हिजबुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद के २४ अन्य आतंकवादियों के साथ २८ मई २०१० को तत्कालीन यू पी ए सरकार ने जेल से रिहा किया था | ये रिहाई भारत की ओर से पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की पहल के तहत किये गए कार्यक्रम का हिस्सा थी |
यहाँ एक और बात है कि शाहिद लतीफ़ की रिहाई की मांग उसी जैश ए मोहम्मद के आतंकी ने की थी जिस ने कि वाजपेयी सरकार के समय इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट IC-814 को हाईजेक करके जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर की रिहाई कराई थी |
अब ये नासमझी थी या कोई साजिश ये तो आने वाला समय बताएगा | किसी भी स्थिति में यह यू पी ए सरकार द्वारा देश की सुरक्षा के मामले में की गयी भारी गलती थी |
आखिर आतंकवादियों को रिहा करने से पाकिस्तान से रिश्ते कैसे अच्छे होंगे ? कोई बच्चा भी यह बता देगा कि आतंकवादी को रिहा करोगे तो वो वापस हम पर ही हमला करेगा | फिर कांग्रेस के इतने पुराने नेताओं को यह बात क्यों नहीं समझ आई ?
इसी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बाटला हाउस मामले में की गयी कार्रवाही का विरोध किया, इशरत जहाँ को मासूम बताया और उसके एनकाउंटर को मुस्लिमों पर होने वाला जुल्म बताया, गोधरा काण्ड को एक सुनियोजित आतंकी साजिश की जगह हादसा बताया, २६/११ आर एस एस की साजिश नाम की एक किताब के विमोचन में भी शामिल हुए, जे एन यू में हुई भारत विरोधी नारेबाजी के आरोपियों का समर्थन किया, आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताने की जगह हिन्दू / भगवा आतंकवाद का झूठ फैलाया |
एयरप्लेन हाईजेक में फंसे हुए भारतियों को बचाने के लिए वाजपेयी सरकार ने एक आतंकी को रिहा किया था | मीडिया, कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल आज भी इस घटना को गिनाते हैं तथा वाजपेयी सरकार पर सवाल उठाते हैं | ये लोग अब पठानकोट हमले में भी मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं | लेकिन यू पी ए सरकार द्वारा बिना किसी दवाब के बस रिश्ते सुधारने के नाम पर रिहा किये इन २५ आतंकवादियों पर ये लोग सवाल नहीं उठाते |
देखते हैं इस बड़े खुलासे के बाद कितने पत्रकार और विपक्षी पार्टियों के नेता पठानकोट हमले एवं उस में शहीद हुए सैनिकों के लिए यू पी ए सरकार को जिम्मेदार बताते हैं |