आपने भी शायद सोशल साइट्स पर आमिर खान के समर्थकों द्वारा शेयर की गईं कई पोस्ट्स देखीं होंगी जिसमें ये बताया जा रहा था की आमिर खान ने महाराष्ट्र में दो सूखाग्रस्त गाँव गोद लिए हैं | इन पोस्ट्स में लगातार आमिर खान को गरीबों का मसीहा साबित किया जा रहा था | ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ एवं ‘जनता का रिपोर्टर’ में भी यह खबर छपी थी |
लेकिन आमिर खान ने स्वयं इस खबर का खंडन करते हुए बताया कि उन्होंने कोई गाँव गोद नहीं लिया है | अब ये सुनकर शायद आमिर खान के उन सभी समर्थकों को काफी निराशा होगी जो कि कल तक आमिर खान को महाराष्ट्र में सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए मदद करने वाले फिल्म कलाकार नाना पाटेकर एवं अक्षय कुमार जैसा ही समाजसेवक साबित करने पर तुले हुए थे | लेकिन मुझे लगता है कि यहाँ आमिर खान के समर्थकों से ज्यादा गलती टाइम्स ऑफ़ इंडिया की है | एक बड़ा न्यूज़ हाउस होने के नाते टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ये जिम्मेदारी है कि किसी भी खबर को दिखाने/छापने के पहले उस की सच्चाई जान लें |
मीडिया द्वारा अफवाहें फैलाना इस देश में कोई नयी बात नहीं है | कई बार पहले भी मीडिया द्वारा फैलाई गईं सनसनीखेज ख़बरें झूठ का पुलिंदा साबित हुईं | अब आमिर खान के बारे में ये झूठी खबर दिखाने के पीछे मीडिया की क्या मंशा थी उस पर सोशल साइट्स पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं | आमिर खान के समर्थक जहाँ इस मामले पर ज्यादा कुछ बोलने की जगह बस एक गलती बता रहे हैं वहीँ आमिर खान के विरोधी इसे आमिर खान की छवि सुधारने का एक असफल प्रयास बता रहे हैं | आमिर खान और शाहरुख़ खान असहिष्णुता पर दिए गए अपने बयानों की वजह काफी निंदा झेल चुके हैं | यहाँ तक कि कुछ लोगों ने शाहरुख़ खान की पिछली फिल्मों के असफल होने का कारण असहिष्णुता पर दिया इनका बयान भी बताया है | हालाँकि मैंने वो फिल्में देखीं नहीं तो मैं ये तो नहीं कह सकता कि इन फिल्मों के असफल होने का कारण इन फिल्मों का अच्छा न होना था या फिर शाहरुख़ खान के असहिष्णुता पर दिए गए बयान का भी इसमें कुछ हाथ है |
खैर आमिर खान की भी एक नयी फिल्म आने वाली है | देखते हैं उस फिल्म पर आमिर खान के असहिष्णुता पर दिए गए बयान का कुछ असर होता है या नहीं | आमिर खान से लोगों की जो नाराजगी है उसे देखकर लगता तो यही है कि उस का इस आने वाली फिल्म पर बुरा असर तो पड़ेगा ही | अब नुकसान कितना होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा |