Sunday, November 24, 2024
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“मोदी जी के बाद कौन” का जवाब भाजपा को मिला हो या न मिला हो लेकिन समर्थकों को मिल गया है

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पिछले कुछ वर्षों में मोदी जी राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और विकास के संगम रुपी नेता बनके उभरे और इस संगम की वजह से उनके समर्थकों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ती गयी | विपक्ष तो मोदी विरोध में दिशाहीन होकर देशद्रोह और हिन्दू विरोध पर उतारू हो गया है और उनसे तो ऐसे किसी नेता की उम्मीद ही नहीं की जा सकती है क्योंकि मूर्ख व्यक्ति के चापलूसों से विचारधारा नहीं बल्कि सत्यानाश की उम्मीद ही की जा सकती है और वही इस परिवारवादी और व्यक्तिवादी विपक्ष के साथ हुआ | मोदी जी की लोकप्रियता की बराबरी करना आज के समय के अन्य नेताओं के लिए एक बहुत बड़ी बात है | कुछ समय पहले तक न तो भाजपा का कोई नेता इस कद का दिखाई देता था और न ही किसी अन्य पार्टी का कोई नेता इस ऊंचाई को प्राप्त कर सका | परन्तु पिछले कुछ दिनों में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जो राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और विकास के संगम की झलक दिखाई है उससे वो इस संगम के समर्थकों में तेजी से वही स्थान बनाते जा रहे हैं जो अभी मोदी जी के पास है | यह सत्य है कि मोदी जी की बराबरी करने के लिए योगी जी को अभी बहुत लम्बा रास्ता तय करना है लेकिन यह भी सत्य है कि योगी जी इस रास्ते पर चल नहीं रहे हैं बल्कि दौड़ रहे हैं |

मुख्यमंत्री बनने के पहले तक मीडिया ने योगी आदित्यनाथ की छवि सिर्फ एक कट्टर हिन्दू नेता की बना रखी थी | मीडिया द्वारा उनका जिक्र सिर्फ हिन्दू-मुसलमान विषय में होता था और उनके द्वारा किये गए विकास की कोई चर्चा नहीं होती थी |  विपक्षी छोड़िये कई भाजपा समर्थक भी इस बात से आशंकित रहते थे कि योगी यदि मुख्यमंत्री बनते हैं तो विकास के क्षेत्र में कुछ कर पाएंगे या नहीं | लेकिन योगी जी ने अपने अब तक के मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल से सभी को अचंभित कर दिया | मेरे कुछ मित्र गोरखपुर से हैं और वो हमेशा ही योगी जी की तारीफ़ किया करते थे और उनके कार्यों के बारे में बताया करते थे इसलिए योगी जी के कार्यों को देखकर मैं ज्यादा अचंभित नहीं हूँ क्योंकि मुझे पता था कि वो ऐसा ही कुछ करेंगे |

भाजपा काफी समय से मोदी जी के नाम पर एक के बाद एक चुनाव जीत रही है लेकिन एक सवाल जो भाजपा को शायद परेशान कर रहा होगा वो यह है कि मोदी जी के बाद कौन | मोदी जी ने कई बार यह इशारा किया है कि २०१९ का चुनाव उनका प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर अंतिम चुनाव है इसलिए अब भाजपा को २०२४ के लिए कोई नया चेहरा चाहिए ही है | कुछ नेताओं के जिक्र जरूर हुए लेकिन उनमें से कोई भी खुद को इस लायक साबित नहीं कर पाया कि जनता के दिल में मोदी जी के स्थान को प्राप्त कर सके | लेकिन योगी जी ने सभी समीकरण उसी तरह से बदल कर रख दिए जिस तरह से एक समय मोदी जी ने बदले थे |

जो कुछ भी हो रहा है उस से भाजपा विरोधियों की तो नींद उड़ी हुई ही है और साथ ही उन कुछ भाजपाइयों की भी नींद उड़ी है जो कि खुद को मोदी जी का उत्तराधिकारी माने बैठे थे | २०१४ में भाजपा समर्थकों ने ही भाजपा को मजबूर किया था कि मोदी जी को प्रधानमंत्री पद का उमीदवार बनाये और अब अगर योगी जी इसी तरह काम करते रहे तो २०२४ में फिर से भाजपा समर्थक ही भाजपा को योगी जी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए मजबूर करेंगे | मेरी व्यक्तिगत राय में तो फिलहाल भाजपा के पास योगी जी से बेहतर कोई मोदी जी का उत्तराधिकारी नहीं है | यदि योगी जी २०२४ तक भाजपा के सभी चुनावी वादों को पूरा कर देते हैं और २०२२ का उ. प्र. का चुनाव फिर से स्पष्ट बहुमत के साथ जीत जाते हैं तो वो मोदी जी के उत्तराधिकारियों की लिस्ट में सबसे आगे होंगे |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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