Sunday, November 24, 2024
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प. बंगाल में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार को सिर्फ AFSPA लगाकर रोका जा सकता है ?

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प. बंगाल से आये दिन खबरें आती रहतीं हैं कि किस तरह वहां हिंदुओं पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं | वोट बैंक के लालच में प. बंगाल की सेक्युलर सरकार ने भी इन मामलों पर कोई कार्रवाही न करके इन अत्याचारियों को खुली छूट ही दे दी हैं | हिंदुओं के खिलाफ होने वाले ऐसे कई अत्याचार प. बंगाल में गैर-कानूनी तरीके से बसे हुए बांग्लादेशी मुसलमानों द्वारा किये गए हैं | बहरी शक्तियों द्वारा किये जा रहे इन अत्याचारों के बारे में सुनकर कई बार विश्वाश ही नहीं होता कि प. बंगाल भारत का हिस्सा है या पाकिस्तान का | प. बंगाल सरकार तो सेकुलरिज्म में इतनी अंधी हो चुकी है कि हिन्दू त्योहारों के मनाये जाने पर भी कई तरह के अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है, दुर्गा पूजा में सरकार द्वारा दिया गया असंवैधानिक आदेश इस का ताजा उदाहरण है |

असम की पिछली राज्य सरकार के कार्यकाल में इसी तरह की खबरें असम से भी आतीं थीं और इन अत्याचारों को रोकना भाजपा का बड़ा चुनावी वादा था | असम की भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही वहां इस तरह के अत्याचारों पर सफलतापूर्वक रोक लगायी है तथा साथ ही केंद्र सरकार के साथ मिलकर कुछ ऐसे कदम भी उठाये जिस से कि असम में गैर-कानूनी तरीके से बांग्लादेशी मुसलमान न आ सकें |

प. बंगाल की वर्तमान राज्य सरकार को हिंदुओं पर होने वाले इस अत्याचार को रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है | न ही ऐसी कोई दिलचस्पी प, बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टियों यानि कि वामपंथियों एवं कांग्रेस में दिखाई देती है | भाजपा के अभी प. बंगाल में इतने विधायक नहीं हैं कि इनके विरोध का सरकार पर कोई असर पड़े |

यह एक बड़ा सत्य है कि प. बंगाल की वर्तमान सरकार स्पष्ट बहुमत होने की वजह से आराम के साथ अपना कार्यकाल पूरा करेगी | लोकल पुलिस यदि चाहे तो भी राज्य सरकार के मर्जी के बिना ऐसे मामलों में दोषियों पर कोई कार्रवाही नहीं कर सकती | फिर ऐसे में क्या कदम उठाये जा सकते हैं जिस से कि हिंदुओं पर होने वाले इस अत्याचार को रोक जा सके ? क्या अब प. बंगाल के ऐसे कुछ क्षेत्रों में शांति एवं कानून बनाये रखने के लिए सेना की सहायता लेना ही एक मात्र विकल्प बचा है ? क्या अब जम्मू कश्मीर एवं उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों की तरह प. बंगाल में भी ऐसे सभी संवेदनशील क्षेत्रों में AFSPA लगाना ही एक तरीका रह गया है ?

मेरी व्यक्तिगत राय में तो ऐसे सभी मामलों पर अब गंभीरता के साथ विचार किया जाना आवश्यक है | यदि आवश्यकता लगे तो प. बगाल के ऐसे सभी क्षेत्रों में हालात सुधरने तक सेना को नियंत्रण दे दिया जाना चाहिए |

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Varun Shrivastava
Varun Shrivastavahttp://www.sarthakchintan.com
He is a founder member and a writer in SarthakChintan.com.
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